= गांव के लोग रेस्क्यू में जुटे, बारिश पैदा कर रही मुसीबत
= जजूला गांव में दो मंजिला मकान के मलबे में दबे हैं मां बेटी और बेटा
= ज्योग्याडी़ गांव में सुरक्षित निकाल लिया गए भवन स्वामी व उसका परिवार
= साढे तीन घंटे चले राहत व बचाव कार्य के बाद बची तीन जिंदगियां

(((हरीश कुमार/मनोज पडलिया/हरीश चंद्र/भाष्कर आर्या/पंकज नेगी की रिपोर्ट)))

मूसलाधार बारिश अब आफत बन गई है। बेतालघाट ब्लॉक की सुदूर जजूला व ज्योग्याडी गांव में मूसलाधार बारिश से बादल फटने जैसे हालात हालात पैदा हो गए। एकाएक दोमंजिला मकान जमीनदोंज होने से महिला तथा दो बच्चे अंदर दब गए। घटना से हड़कंप मच गया। गांव के लोग रेस्क्यू में जुटे। समीप के ज्योग्याडी गांव में भी एक मकान धराशाई हो गया हालांकि यहां मकान के अंदर से मकान स्वामियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।

सोमवार सुबह से ही लगातार मूसलाधार बारिश से जहां एक और पहाड़िया दरक गई वही बेतालघाट ब्लॉक के जजूला गांव में कास्तकार जमुना कत्यूरा का मकान मूसलाधार बारिश के दौरान जमींदोज हो गया। जमुना कत्यूरा कार्य के सिलसिले से कालाढूंगी स्थित कमोला गांव गए थे। घर में उनकी पत्नी लक्ष्मी, बेटा विजय व कविता थे। एकाएक देर शाम जोरदार आवाज के साथ मूसलाधार बारिश से मकान जमींदोज हो गया। मकान के अंदर मलबे में कविता, विजय व लक्ष्मी फस गए। मकान के गिरने की आवाज सुन आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। चीखने चिल्लाने की आवाज सुन मुश्किल अंदर गए तब तक कविता, विजय व उनकी मां लक्ष्मी मलबे में बुरी तरह फंस चुकी थी। गांव के लोगों ने तीनों को निकालने का प्रयास शुरू कर दिया पर काफी देर तक सफलता नहीं मिली। सूचना प्रशासन को भेज दी गई है जहां नायाब तहसीलदार बरखा जलाल के निर्देश पर प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य तथा एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल की ओर रवाना हो गई है पर मूसलाधार बारिश से गांव तक पहुंचने में मुश्किलें सामने आ रही है। उधर समीप के ज्योग्याडी गांव में जगदीश गिरी का मकान धराशाई हो गया।जिसमें संतोष, गणेश, खष्टी देवी बाल-बाल बच गए हालांकि कुछ मवेशियों के मलबे में दबकर मरने की सूचना है। समीप के पांच और अन्य मकानों को खतरा पैदा हो गया है।

साढे़ तीन घंटे के अभियान के बाद बचाई तीन जिंदगियां

जमीनदोंज मकान के अंदर फंसे मां व उसके दोनों बच्चों को ग्रामीणों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।करीब साढे़ घंटे चले अभियान में ग्रामीणों को सफलता हाथ लगी। हर कोई मलबे में दबे तीनों जिंदगियों को निकालने में जुटा रहा। गांव के बच्चे, महिला, पुरुष हर कोई मलबा हटाने में जुटे रहे। कमर तक मलबे में दबे तीनो लोग रोते बिलखते रहे आखिरकार गांव की एकजुटता को सफलता हाथ लगी। तीनों जिंदगियां सकुशल बचा ली गई हालांकि तीनों अभी चोटिल भी हैं। सुबह टीम गांव पहुंचकर तीनों का उपचार करेगी। अभी जमीनदोंज मकान में जानवरों का कुछ पता नहीं लग सका है। करीब तीस से ज्यादा महिला, पुरुष,बच्चो ने अभियान चला तीनो जिंदगियां बचा ली।