tikhinazar

= गांवो में मवेशीखोर गुलदार का आंतक
= एक के बाद एक पशुओं को बना रहे निवाला
= एकाएक गांवो में गुलदार की धमक से सख्ते में गांवो के वासिंदे

(((हरीश कुमार/अंकित सुयाल/मनीष कर्नाटक की रिपोर्ट)))

कोरोना संकट के बाद मौसम की मार से खेती-बाड़ी चौपट होने के बाद अब गांवों में पशुपालन पर भी संकट छा गया है। मवेशीखोर गुलदार की धमक बढ़ने से पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है एक के बाद एक कई मवेशियों को ढेर कर डाला है।
गांवों में मवेशीखोर गुलदार का आतंक बढ़ गया है। किसानों ने खेतीबाड़ी में नुकसान होने के बाद पशुपालन की ओर रुख किया पर यहां भी मवेशीखोर गुलदार पशुपालकों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। बेतालघाट ब्लाक के हरतोला तथा थुआब्लाक आदि गांवों में भी गुलदार की धमक बढ़ गई है। बैंकों से ऋण लेकर भी गांव के लोगों ने पशुपालन का कार्य शुरू किया है पर गुलदार के मवेशियों को मार डालने से लगातार नुकसान दोगुना हो रहा है। ग्रामीणों ने पशुपालकों को मुआवजा देने तथा गांव में पिंजरा लगा मवेशीखोर गुलदार के आतंक से निजात दिलाई जाने की पुरजोर मांग उठाई है।