tikhinazar

= चिकित्सक के गांव में बने पशु सेवा केंद्र वीरान
= गांव के पशुपालकों को नहीं मिल रहा लाभ

(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/हरीश चंद्र की रिपोर्ट)))

गांवो के अंतिम छोर तक विकास योजनाओं पहुचाने के लाख दावे किए जाए पर पहाड चढ़ते चढ़ते योजनाओं का दम फूल जा रहा है। विशालकोट गांव में पशुपालकों की सुविधा के लिए पशु सेवा केंद्र शोपीस बन चुका है। पशुपालकों को पशु सेवा केंद्र का लाभ ही नहीं मिल रहा। ग्रामीणों में रोष भी व्याप्त है।
भुजान रिची बिल्लेख मोटर मार्ग पर स्थित वर्षों पूर्व विशालकोट तथा आसपास के तल्ला म्यू, मटेला, बगवान, मंडलकोट के लगभग चार सौ से अधिक पशुपालकों को लाभ दिलाने के मकसद से पशु सेवा केंद्र स्थापित किया गया बकायदा चिकित्सक की तैनाती की गई पर विभागीय अनदेखी से पिछले चार वर्षों से पशु सेवा केंद्र शोपीस बन चुका है। उक्त पशु सेवा केंद्र से गांव के पशुपालकों को लाभ नहीं मिल रहा। पशुपालक अपने पशुओं के उपचार के लिए दूरदराज जाने को मजबूर हैं। कई बार व्यवस्था की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव की उपेक्षा की जा रही है। स्थानीय अंबी राम,पूरन चंद्र, भीम सिंह, पूरन सिंह, हीरा सिंह, धीरज सिंह, प्रेम प्रकाश आदि ने पशु सेवा केंद्र में चिकित्सक की तैनाती की मांग उठाई है ताकि आसपास के पशुपालक लाभान्वित हो सकें। चेताया है कि यदि सुनवाई ना हुई तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।