= निस्तारण की ठोस व्यवस्था ना होने से शिप्रा नदी की ओर लग रहा गंदगी का ढेर
= गंदगी से उठ रही दुर्गंध से आवाजाही हुई मुश्किल
(((हरीश चंद्र/महेन्द्र कनवाल/भाष्कर आर्या की रिपोर्ट)))
गंदगी निस्तारण की ठोस व्यवस्था ना होने से गरमपानी बाजार क्षेत्र में भी सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। बाजार के नजदीक ही शिप्रा नदी की ओर गंदगी के ढेर लगा हुआ है। बीमारी फैलने का खतरा भी दोगुना बढ़ गया है। बावजूद व्यवस्था में सुधार को ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
गरमपानी बाजार के समीप लगा गंदगी का ढेर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ा रहा है। गंदगी से उठ रही दुर्गंध से आसपास के लोगों का जीना मुश्किल हो चुका है वहीं बीमारी फैलने का भी खतरा बना हुआ है। गंदगी निस्तारण के लिए ठोस व्यवस्था ना होने से धड़ल्ले से नदी की ओर गंदगी डाली जा रही है जिससे नदी क्षेत्र से राजमार्ग तब गंदगी का पहाड़ खड़ा हो गया है। कई मवेशी भी गंदगी के करीब जा रहे हैं जिससे संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। क्षेत्रवासियों ने तत्काल गंदगी निस्तारण के लिए ठोस उपाय किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है