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= लाखों रुपए की सरकारी धनराशि खर्च होने के बावजूद गांव तक नहीं पहुंच सका एक भी वाहन
= कई वर्ष बीतने के बावजूद नहीं मिल रहा ग्रामीणों को लाभ
= सरकार की छवि भी हो रही धूमिल

(((कुबेर सिंह जीना/मनीष कर्नाटक/विरेन्द्र बिष्ट की रिपोर्ट)))

प्रदेश सरकार गांव गांव सड़क सुविधा उपलब्ध कराने के दावे कर रही है पर अल्मोड़ा भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग से सिरसा गांव को जोड़ने वाली सड़क सरकार के दावों की पोल खोल रही है। सड़क सरकारी उपेक्षा का जीता जागता उदाहरण बन चुकी है। लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद सड़क से आज तक एक भी वाहन गांव तक नहीं पहुंच सका है।
प्रदेश की पुष्कर धामी सरकार गांवो में सड़क सुविधा उपलब्ध कराने के दावे कर रही है। लोकार्पण व शिलान्यास जारी है साथ-साथ बड़ी-बड़ी घोषणाओं का दौर जारी है। पर राजमार्ग से सिरसा गांव को जोड़ने वाली सड़क सरकार की छवि धूमिल कर रही है। हालात यह है कि लाखों रुपए की सरकारी धनराशि खर्च करने के बावजूद आज तक गांव के लोगों को सड़क सुविधा का लाभ नहीं मिल सका है वर्षो बीत जाने के बावजूद सड़क की हालत खस्ता है। ग्रामीण कई बार सड़क में यातायात सुचारू कराने की मांग कर चुके हैं पर विभागीय अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। ऐसा लगता है मानो कर्मचारियों को सरकार का जरा भी डर नहीं रह गया है। मनमानी लगातार जारी है। सरकार लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बड़ी बड़ी योजनाओं की घोषणा कर रही है पर महज आठ 1.75 किमी सड़क ही नहीं बन पा रही है। ऐसे में सरकार के दावों पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों ने साफ कहा है कि गांव के लोगो की उपेक्षा का खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।