= बिजली के पोल व पानी के पाइप भी बहे
= खेत रोखड़ में तब्दील,उपज बर्बाद
= रामनगर -ओखलढूंगा – बेतालघाट मोटर मार्ग जगह-जगह ध्वस्त
= शासन प्रशासन के नुमाइंदों के गांव में न पहुंचने पर ग्रामीण नाराज

(((दलिप सिंह नेगी/हरीश कुमार/भाष्कर आर्या की रिपोर्ट))))

बेतालघाट व कोटाबाग ब्लॉक की सीमा पर स्थित ओखलढूंगा गांव के बाशिंदों ने बीती रात मूसलाधार बारिश के बाद दहशत में रात गुजारी। दूसरे दिन सुबह नुकसान का एहसास हुआ। जगह-जगह खेत रोखड़ में तब्दील हो चुके हैं। पेयजल व्यवस्था ठप है। रोड जगह जगह ध्वस्त है। देर शाम बमुश्किल विद्युत आपूर्ति सुचारू हो सकी है। शासन प्रशासन के नुमाइंदे गांव तक नहीं पहुंच सके है। सुध न लेने पर ग्रामीणों में रोष भी है। बारिश होने के साथ ही ग्रामीणों में दहशत फैल जा रही है।

सुदूर ओखलढूंगा गांव में बीते शुक्रवार रात मूसलाधार बारिश के बाद बादल फटने जैसे हालात पैदा हो गए। गांव के आसपास बरसाती गधेरे उफान पर आ गए। ग्रामीणों के अनुसार आकाशीय बिजली ने भी दहशत पैदा की। लगातार धमाकों के बीच बारिश से हालात बिगड़ते चले गए। रात भर दहशत में रात गुजारने के बाद सुबह चारों ओर मलबा देख ग्रामीणों परेशान हो गए। क्षेत्र पंचायत सदस्य नंदन सिंह के अनुसार भैसकिला तथा डौन गधेरे ने गांव में खूब तबाही मचाई है। बिजली के पोल ध्वस्त हो चुके हैं। पेयजल पाइप बरसाती गधेरज बहकर कोसी नदी तक पहुंच गए हैं। करीब तीस परिवारों के खेतों में मलवा भर चुका है जिससे धान, मडवा, भट्ट, गडेरी की उपज पूरी बर्बाद हो चुकी है वहीं बेतालघाट – ओखलढूंगा – रामनगर मोटर मार्ग जगह-जगह ध्वस्त है। कई जगह सड़क का पता ही नहीं है। ग्रामीणों में अभी भी दहशत का माहौल है। क्षेत्र पंचायत सदस्य के अनुसार भैसकिला गधेरे से अभी भी आठ परिवारों को खतरा बना हुआ है। जबकि डौन गधेरे से पूरा गांव प्रभावित हो सकता है। हालात बिगड़ने के बावजूद शासन प्रशासन के नुमाइंदों के गांव में न पहुंचने और नुकसान का जायजा न लेने पर ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने संबंधित विभागों पर गांव की उपेक्षा किए जाने का आरोप भी लगाया है।