= अभिभावकों व ग्रामीणों ने उठाई सुधार की मांग
= नौनिहालों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना
(((सुनील मेहरा/मनीष कर्नाटक/हरीश चंद्र की रिपोर्ट)))
समीपवर्ती टूनाकोट तथा स्यालीखेत गांव में स्थित विद्यालयों में शौचालय व्यवस्था शौचालय बदहाल पड़े होने से नौनिहालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में उठाई गई सुधार की मांग के बावजूद कोई सुधार नहीं हो सका है। अब ग्रामीणों में भी गुस्सा बड़ता जा रहा है।
पूर्व में जूनियर हाईस्कूल स्यालीखेत में शिक्षक अभिभावक संघ की बैठक में विद्यालय में स्थित शौचालयों को दुरुस्त करने का मुद्दा जोर-शोर से उठा था बावजूद आज तक शौचालय दुरुस्त नहीं की जा सके अब विद्यालय पूर्ण रूप से खुल चुके हैं विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ गई है पर शौचालय बदहाल पड़े होने से नौनिहाल परेशान हैं खुले में शौच करना मजबूरी बन चुका है। खुले में शौच को दूरदराज जा रहे हैं जिसमें जंगली जानवरों का भय भी बना हुआ है। वहीं प्राथमिक विद्यालय टूनाकोट के हालात भी विकट है। विद्यालय में बना शौचालय खस्ताहाल पड़ा है जिस कारण अब ग्रामीणों में रोष बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। नौनिहालों के हितों से खिलवाड़ किया जा रहा है। जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूर्व में बनाए गए शौचालय क्षतिग्रस्त है। प्रबंधन समिति अध्यक्ष दीवान सिंह रौतेला, उपाध्यक्ष भुवन गिरी, बसंती देवी, दीपा देवी, बीना देवी, भावना देवी, कमला देवी, खुशाल सिंह, चंदन राम, बालम सिंह आदि लोगों ने दोनों विद्यालयों में व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।