= एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर उठाया मामला
= बोरिंग का इस्तेमाल व्यवसायिक कार्यो में किए जाने पर चढ़ा पारा
= दस वर्ष पूर्व अनुमति के बाद अब बोरिंग कराए जाने से नाराज हैं ग्रामीण
= न्यायालय की शरण में जाने का भी ऐलान

(((विरेन्द्र बिष्ट/हरीश चंद्र/राजू लटवाल की रिपोर्ट)))

रामगढ़ ब्लॉक के सतोली गांव में बोरिंग के व्यवसायिक इस्तेमाल पर लोगों का पारा चढ़ गया है। क्षेत्र के लोगों ने नारेबाजी कर रोष जताया। दो टूक चेतावनी दी कि यदि जल्द बोरिंग बंद कर सील नहीं की गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
आरोही संस्था के नेतृत्व में ग्रामीणों ने सतोली क्षेत्र में एक दिवसीय धरना दिया। आरोप लगाया कि क्षेत्र में दस वर्ष पूर्व भवाली निवासी व्यक्ति को बोरिंग की अनुमति मिली थी पर दस वर्ष बाद बोरिंग की गई है। वहीं बोरिंग का इस्तेमाल व्यावसायिक कार्यों में किया जा रहा है बड़े-बड़े निर्माण कार्यों में बोरिंग से पानी भेजा जा रहा है जिससे लगातार गांव का जल स्तर घटता ही जा रहा है कई प्राकृतिक जल स्रोत सूखने के कगार पर पहुंच चुके हैं। यही हालात रहे तो एक दिन गांव में पानी का अकाल पड़ जाएगा। सतोली गांव के साथ ही प्यूडा़, दियारी, कफूड़ा, कुमाटी आदि गांवों के लोगों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। आरोही संस्था के अध्यक्ष डा. सीएस पंत ने कहा कि लगातार ग्रामीणों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिसे आप कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच की पुरजोर मांग उठाई। परिवर्तन पार्टी के पीसी तिवारी ने बोरिंग की अनुमति देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि यदि जल्द बोरिंग को सील नहीं किया गया तो फिर न्यायालय की शरण ली जाएगी। इस दौरान राकेश कपिल, भीम बिष्ट, कृष्णा भंडारी, सीमा कुंद्रा, रोमोला बुटालिया, नंदी देवी, जानकी देवी आदि मौजूद रहे।