= लगातार बढ़ती अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने की उठाई मांग
= दो टूक चेतावनी नहीं रुका अवैध कारोबार का खेल तो राजमार्ग पर ही शुरू होगा अनिश्चितकालीन आंदोलन
= पुलिस प्रशासन व आबकारी विभाग के रवैया पर भी उठाए सवाल
(((सुनील मेहरा/हरीश चंद्र/भाष्कर आर्या की रिपोर्ट)))
गांवों में लगातार बढ़ते शराब कारोबार पर अब मातृशक्ति का पारा भी चढ़ने लगा है। गांव की महिलाओं ने जल्द शराब बिक्री पर अंकुश ना लगने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
अल्मोड़ा भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे नैनीपुल, कूल, चोपड़ा, क्वारब,काकडी़घाट आदि तमाम गांवों में इन दिनों शराब की बिक्री जोर पकड़ गई है। सुयालबाडी़ क्षेत्र में सरकारी देशी शराब की दुकान होने के बावजूद अंग्रेजी शराब भी धड़ल्ले से बिक रही है। छोटे-छोटे नौनिहाल भी नशे के दलदल में फंस रहे हैं। लगातार बढ़ते शराब के कारोबार पर अंकुश ना लगने से गांव की महिलाओं का पारा सातवें आसमान पर है। महिलाओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस, प्रशासन व आबकारी विभाग चुप्पी साधे बैठा है जबकि गांवों में शराब के अवैध कारोबार का बोलबाला है। कई परिवार बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके हैं पर आबकारी, पुलिस, प्रशासन को कोई लेना देना नहीं है। दो टूक कहा है कि यदि जल्द अवैध शराब बिक्री पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आसपास के गांवों की महिलाओं को भी साथ लेकर राजमार्ग पर ही अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन व आबकारी विभाग की होगी।