🔳 मनमाने ढंग से कार्य होने से बरसात में खतरा बरकरार
🔳 उपखनिज पट्टों में मनमाने ढंग से कार्य होने से नही हो सका है मलबे का निस्तारण
🔳 जगह जगह कार्य अधूरे छोड़े जाने से बाढ़ का पानी मचा सकता है तबाही
🔳 लोगों ने उठाई जल्द से जल्द मलबे व बालू के निस्तारण की मांग
[[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]

कोसी घाटी में बरसाती मौसम नजदीक आने के बावजूद नदियों के मलबे से भरे होने से बाढ़ का खतरा कई गुना बढ़ गया है। यह हालत तब है जब सरकार ने नदियों से मलबा व बालू हटाने को कई उपखनिज पट्टे भी आवंटित किए हैं बावजूद नदियों में कई जगह कार्य आधा अधूरा होने से बाढ़ से नुकसान होने का खतरा बरकरार है।
कोसी घाटी में बहने वाली जीवनदायिनी कोसी व उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी के रौद्र रुप से हर कोई वाकिफ हैं। बरसात के दिनों में दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ने से खतरा कई गुना बढ़ जाता है। राज्य सरकार नदियों से होने वाले नुकसान को टालने के लिए नदियों में करोड़ों रुपयों के बजट से बाढ़ सुरक्षा कार्य करवाती है ताकी खतरा टाला जा सके। वहीं नदियों में जमा मलबे व बालू के निस्तारण को जगह जगह उपखनिज पट्टे भी आवंटित किए जाते हैं ताकि नदियों से समय रहते मलबा हटवाया जा सके और बाढ़ का खतरे को कम किया जा सके पर कोसी व शिप्रा नदी में तमाम स्थानों पर पट्टे आवंटन होने के बावजूद नदियों में जगह जगह मलबे का ढेर लगा है। कई उपखनिज पट्टों में कार्य अधूरे होने से नदी क्षेत्र में जगह जगह मलबे का ढेर लगा हुआ है ऐसे में नदी से सटे इलाकों में खतरा बरकरार है। क्षेत्रवासियों ने भी कई उपखनिज पट्टों में कार्य अधूरे छोड़ दिए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। आरोप लगाया की मनमाने ढंग से कार्य किए जाने से ख़तरे की अनदेखी की जा रही है। तमाम गांवों के लोगों ने समय रहते नदियों से मलबा व बालू हटवाएं जाने की पुरजोर मांग उठाई है। चेतावनी दी है की यदि मनमाने ढंग से पार्क किया गया तो जनांदोलन की तैयारी शुरु कर दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *