= सुविधाओं व समुचित स्टाफ के लिए तरस रहा नौघर का अस्पताल
= हवा में ढोल पीट रही सरकार धरातल में दावे खोखले
(((सुनील मेहरा/दलिप सिंह नेगी/महेन्द्र कनवाल की रिपोर्ट)))
सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं चाक-चौबंद करने के लाख दावे किए जाएं पर धरातल में दावे खोखले साबित हो रहे हैं। हालात यह है कि करीब दो हजार से भी ज्यादा परिवार के सदस्यो के स्वास्थ्य सुविधा के लिए एक अदद विशेषज्ञ चिकित्सक की भी तैनाती नहीं है जिस कारण लोगों में गहरा रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती की पुरजोर मांग उठाई है।
भुजान बिल्लेख मोटर मार्ग पर स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नौघर का स्वास्थ्य खराब है। समुचित स्टाफ की कमी व संसाधन न होने से लोगों को कई किलोमीटर दूरी नाप बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ लेना मजबूरी बन चुका है। कई बार सुविधाओं को दुरुस्त करने की आवाज उठाई गई पर कोई सुनवाई नहीं हुई। बगवान, विशालकोट, मंडलकोट, हल्द्वीयानी, नौघर, सीमा, लछिना, मनारी, जालीखान, गुमंटा, जैना समेत सैकड़ों गांवों के हजारों परिवार नौघर अस्पताल पर निर्भर हैं। सुविधाएं व समुचित स्थापना न होने से अल्मोड़ा, रानीखेत, रामनगर, काशीपुर रुख करना मजबूरी बन चुका है। एक अदद विशेषज्ञ चिकित्सक के लिए भी ग्रामीण तरस रहे हैं। सुनील मेहरा, अर्जुन सिंह बिष्ट, पुष्कर सिंह, विपिन सिंह, खुशाल सिंह फर्त्याल, जोगा सिंह, रामदत्त पांडे, हरीश बिष्ट आदि लोगों ने अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती की मांग उठाई है कहा कि यदि तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती ना हुई तो आंदोलन तेज किया जाएगा।