= विभागीय लापरवाही पर भी उठे सवाल
= कुछ माह पूर्व ही किया गया था डामरीकरण
= उठने लगी उच्च स्तरीय जांच की मांग
(((सुनील मेहरा/हरीश कुमार/महेंद्र कनवाल की रिपोर्ट)))
पर्वतीय क्षेत्रों में भी विभागो का हाल अजब गजब है। कहीं ग्रामीण सड़कें डामरीकरण को तरस रही हैं। तो कहीं लाखों का बजट डामरीकरण के लिए मिलने के बावजूद गुणवत्ता विहीन कार्य किए जा रहे हैं। कैची धाम से हरतपा गांव को जोड़ने वाला मार्ग इसका जीता जागता उदाहरण है।
ग्रामीण सड़कों में सरकारी धन की खूब बर्बादी की जा रही है। गुणवत्ता के अभाव में सड़के दम तोड़ रही हैं। कैंची धाम से हरतपा को जोड़ने वाले मोटर मार्ग पर करीब 90 लाख रुपये से किया गया डामर जगह-जगह दम तोड़ गया है। डामरीकरण के ध्वस्त होने से विभागीय कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणो का आरोप है कि लाखों रुपए के बजट की बर्बादी कर दी गई है गुणवत्ता का ध्यान न देने से डामरीकरण दम तोड़ने लगा है। मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठी है साथ ही लोगों ने मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि मामले में लापरवाही की गई तो फिर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाए।