🔳 फलों का सीजन पहुंचा नजदीक बावजूद मोटर मार्ग खस्ताहाल
🔳 गांवों से बड़ी मंडियों को ट्रकों से भेजा जाता है आड़ू, पुलम, खुमानी व सेब
🔳 खस्ताहाल सड़क पर मालवाहक वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा
🔳 जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी से किसानों में रोष
[[[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से एक दर्जन से भी अधिक फल उत्पादक गांवों को जोड़ने वाले लोहाली – चमड़ियां मोटर मार्ग की हालत किसानों के लिए बड़ी चिंता बन गई है। फलों का सीजन नजदीक है बावजूद सड़क की हालत में सुधार को आज तक कोई कदम नहीं उठाए जा सके है। हां इतना जरुर है की प्रशासन के कारिंदों ने पूर्व में स्थलीय निरीक्षण कर तत्काल खतरा टालने व सुगम आवाजाही को बड़े बड़े दावे जरुर किए पर प्रशासन के दावे धरातल पर आज भी खोखले ही साबित हुए हैं। सड़क की दरकती बुनियाद व गहराई दरारें बड़ी घटना की ओर इशारा कर रही है।
हाईवे से फल उत्पादक धारी, उल्गौर, हरतोला, ताड़ीखेत, लोहाली, हरीनगर, आटावृता, आटा खास, रुपसिंह धूरा, छियोडी, धूरा समेत तमाम गांवों को जोड़ने के लिए चमड़ियां – लोहाली मोटर मार्ग का इस्तेमाल किया जाता है। दो वर्ष पूर्व हाईवे से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर मोटर मार्ग को आपदा से काफि नुकसान पहुंचा। गहरी दरारों व सड़क के एक हिस्से के ध्वस्त होने से आवाजाही बेहद ख़तरनाक हो गई। ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन की टीम ने तत्कालीन एसडीएम विपिन चंद्र पंत की अगुवाई में स्थलीय निरीक्षण कर सड़क की हालत में सुधार कर खतरा टालने के दावे भी किए पर आज तक दावे धरातल पर नहीं उतर सके और सड़क की हालत आज भी जस की तस है। फलों का सीजन नजदीक आने पर अब सड़क की दयनीय हालत से किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। फल उत्पादक किसान पंकज भट्ट के अनुसार सड़क बद से बद्तर हालत में पहुंच चुकी है। ऐसे में फलों से लदे वाहनों की आवाजाही कैसे होगी समझ से परे है। अंदेशा जताया है की यदि आवाजाही ठप हुई तो किसानों के फल बड़ी मंडियों तक नहीं पहुंच सकेंगे जिससे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। किसान महेश भट्ट, पितांबर भट्ट, रमेश चंद्र जोशी, ओम प्रकाश पांडेय, गोविंद रावत, पूरन भट्ट, नंदा बल्लभ, राजेंद्र प्रसाद आदि ने जल्द सड़क की हालत में सुधार किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है ताकि मालवाहक वाहनों से फलों को बड़ी मंडियों तक भेजा जा सके।