🔳 बेतालघाट क्षेत्र में चरम पर पहुंचा बंदरों का आंतक
🔳 जीजीआइसी में परेशानी बना बंदरों का झुंड
🔳 बालिकाओं व शिक्षिकाओं की जिंदगी पर लगातार बढ़ता जा रहा खतरा
🔳 वन विभाग के अफसरों की नहीं टूट रही कुंभकरणीय नींद
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]

बेतालघाट क्षेत्र में बंदरों का आंतक सिर चढ़कर बोल रहा है। गांवों में जहां एक ओर बंदर खेतीबाड़ी को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं वहीं राजकीय बालिका इंटर कालेज में बंदरों का झुंड पढ़ाई प्रभावित करने पर आमादा है। बंदरों की लगातार बढ़ती संख्या से विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं व तैनाती शिक्षिकाओं की जिंदगी पर भी खतरा बना हुआ है। लगातार बढ़ रहे उत्पात के बावजूद वन विभाग के जिम्मेदार अफसर गहरी नींद में है।
पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित गांवों में खेती-बाड़ी के लगातार घटते रकबे का एक प्रमुख कारण बंदरों व जंगली जानवरों को माना जा रहा है। बंदरों का झुंड खेतों में पहुंचकर किसानों की हाड़तोड़ मेहनत को पलभर में ही बर्बाद कर दे रहे हैं। लगातार नुकसान से किसानों का खेतीबाड़ी से मोहभंग होता जा रहा है। खेती-बाड़ी को नुकसान के साथ ही बंदर स्कूलों की ओर भी रुख कर जा रहे हैं। ब्लॉक मुख्यालय बेतालघाट स्थित बालिका इंटर कॉलेज परिसर में बंदरों का झुंड परेशानी बन चुका है। लंबे समय से अभिभावक व विद्यालय प्रबंधन बंदरों के आंतक से निजात दिलाने को मांग भी कर चुका है बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं। छात्राएं व विद्यालय में तैनात शिक्षिकाए पूरा दिन डरी सहमी रहती है। बंदरों का उत्पात विद्यालय में पढ़ाई में भी बाधक बनता जा रहा है। लगातार बढ़ रही बंदरों की संख्या से बच्चों की जिंदगी पर भी खतरा बढ़ता ही जा रहा है। व्यापार मंडल अध्यक्ष बालम सिंह बोहरा, ग्राम प्रधान शेखर दानी ने लंबे समय बाद भी शिक्षण संस्थान से बंदरों के आंतक को दूर करने को वन विभाग के कदम न उठाए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। आरोप लगाया अफसर एसी कमरों से बाहर निकलने तक को तैयार नहीं है। ऐसे में धरातल की समस्याओं का समाधान होना मुश्किल है। पंचायत प्रतिनिधियों, व्यापारियों व अभिभावकों ने विद्यालय में बंदरों से लगातार बढ़ रहे खतरे को टालने के लिए तत्काल ठोस उपाय किए जाने की मांग वन विभाग से की है। दो टूक चेताया है की यदि अनदेखी की गई तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।

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