🔳 सात किमी सड़क निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये से अधिक का बजट भी है स्वीकृत
🔳 बीसी खंडूड़ी के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी भी कर चुके हैं घोषणा
🔳 हाईवे पर लगने वाले जाम से निपटने को बन सकता है बेहतर विकल्प
🔳 नैनीताल व हल्द्वानी तक को जाम से मिल सकती है निजात
🔳 ग्रामीणों ने जल्द निर्माण की उठाई मांग, अनदेखी बर्दाश्त न करने का ऐलान
[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]]

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे को जाम से मुक्त करने के लिए तमाम रणनीति तैयार की जा रही है पर नैनीताल के पंगूट से बुधलाकोट गांव होते हुए हाईवे को जोड़ने वाले विकल्प की अनदेखी की जा रही है जबकि प्रदेश के दो मुख्यमंत्री इस विकल्प को जायज ठहरा शासनादेश तक कर चुके हैं। बकायदा सात किमी सड़क निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये से अधिक का बजट भी उपलब्ध है बावजूद आज तक सड़क अस्तित्व में नहीं आ सकी है।
सुप्रसिद्ध कैंची क्षेत्र में श्रदालुओं की बढ़ती संख्या से अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर जाम बड़ी मुसीबत बन चुकी है। नैनीताल व अल्मोड़ा जनपद की सीमा पर स्थित खैरना से ही जाम की शुरुआत हो जाने तथा भीमताल व ज्योलिकोट रोड तक वाहनों की कतार से आवाजाही करने वाले लोग परेशान है। पुलिस प्रशासन लगातार रणनीति तैयार कर रहा है बावजूद वाहनों का बढ़ता दबाव यातायात व्यवस्था पर भारी पड़ता जा रहा है। बाइपास निर्माण के कार्य भी अभी तक पूरे नहीं हो सके हैं। ऐसे में सबसे बेहतर विकल्प के तौर पर इस्तेमाल होने वाले मोटर मार्ग की अनदेखी समझ से परे है। वर्ष 2008 में पंगूट – बुधलाकोट मोटर मार्ग की स्वीकृति मिलने दो करोड़ रुपये से अधिक का बजट उपलब्ध होने के बावजूद आज तक मोटर मार्ग अस्तित्व में नहीं आ सका है‌। पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी व वर्तमान के सीएम पुष्कर सिंह धामी के शासनादेश जारी किए जाने के बावजूद महज सात किलोमीटर सड़क निर्माण अधर में लटका है। स्थानीय विजय बुधलाकोटी के अनुसार यदि कालाढूंगी से कोटाबाग, बंगड़, पंगूट बुधलाकोट तक बाइपास विकल्प तैयार किया जाए तो कैंची धाम, नैनीताल ही नहीं हल्द्वानी तक को जाम से निजात मिल सकेगी। ग्रामीणों ने वर्षों का समय बीतने के बावजूद आज तक महज सात किमी सड़क निर्माण न किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। कहा की यदि सात किमी सड़क का निर्माण कर दिया जाए तो पर्वतीय क्षेत्रों को आवाजाही करने वाले पर्यटक इस सड़क का इस्तेमाल कर सकेंगे साथ ही मोटर मार्ग से लगे तमाम गांवों के ग्रामीण व किसान भी लाभान्वित हो सकेंगे तथा स्कूली नौनिहालों को भी राहत मिलेगी। स्थानीय विजय बुधलाकोटी, हंसा दत्त बुधलाकोटी, जीवन चंद्र बुधलाकोटी, दिनेश बुधलाकोटी, राहुल कुमार, जगदीश चंद्र, देव सिंह बोरा आदि ने जल्द मोटर मार्ग निर्माण की पुरजोर मांग उठाई है। चेताया है की यदि अनदेखी की गई तो फिर ग्रामीण आंदोलन को विवश हो जाएंगे। लोनिवि के अधिशासी अभियंता रत्नेश सक्सेना के अनुसार सड़क निर्माण की कवायद जारी है। पेड़ों की संख्या अधिक होने के कारण वन विभाग ने एलाइनमेंट को रद्द कर दिया। घुघुखान से सर्वे करवाई गई है। रातीघाट – बुधलाकोट के एक्टेंशन पर भी विचार किया जा रहा है।

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