🔳 कोसी नदी में खतरा उठाकर नहाने पहुंच रहे पर्यटक
🔳 छोटे छोटे बच्चों को लेकर तक पहुंच रहे नदी के बीचोंबीच
🔳 पूर्व में कई लोग डूबकर गंवा चुके जान
🔳 चेतावनी बोर्ड व आवाजाही प्रतिबंधित करने की लगातार मांग उठने के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई
[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]
सिरौता नदी में दो किशोरों व कुछ दिन पूर्व कोसी नदी में डूबने से हुई श्रमिक की मौत के बावजूद पर्यटक गहराई वाले स्थानों पर नहाने उतर रहे हैं। छोटे छोटे बच्चों को लेकर तक पर्यटक नदी के बीचोंबीच तक पहुंच रहे हैं जिससे अनहोनी का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। क्षेत्रवासियों ने गहराई व भंवर वाले स्थानों पर आवाजाही प्रतिबंधित किए जाने की मांग दोहराई है।
कोसी नदी क्षेत्र में पूर्व में कई लोग मौत के मुंह में समां चुके हैं। प्रतिवर्ष गर्मियों में डूबने की घटनाएं सामने आती है। भंवर व गहराई का सही अंदाजा न होने लोग नदी में नहाने तो उतर जाते हैं पर फिर लौटकर वापस नहीं आते। इन दिनों भी कोसी व शिप्रा नदी में पर्यटक नहाने उतर जा रहे हैं। छोटे छोटे बच्चों की जिंदगी भी खतरे में डाल नदी के बीचोंबीच तक पहुंच जा रहे हैं। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर नावली, जौरासी, काकड़ीघाट आदि क्षेत्रों में पर्यटक धड़ल्ले से नदी में नहाने उतर जा रहे हैं। बावजूद सुध नहीं ली जा रही। स्थानीय लोगों के अनुसार कई बार गहराई व भंवर वाले स्थानों पर आवाजाही प्रतिबंधित करने की मांग उठाई जा चुकी है पर सुध नहीं ली जा रही। ऐसे में बड़ी घटना का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। पूर्व ग्राम प्रधान राजेन्द्र सिंह परिहार, व्यापारी नेता गोपाल सिंह कनवाल, महेंद्र सिंह कनवाल, महेंद्र सिंह, मनोज बिष्ट, विरेन्द्र सिंह बिष्ट, मनीष तिवारी आदि ने खतरे वाले स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाने तथा आवाजाही सख्ती से प्रतिबंधित किए जाने की मांग उठाई है।