= लगातार बढ़ रहे रसोई गैस के दामों से परेशान हुए लोग
= सब्सिडी आना भी हुआ बंद
= अब चूल्हे में तैयार होने लगा भोजन
(((सुनील मेहरा/फिरोज अहमद/मनीष कर्नाटक की रिपोर्ट)))
रसोई गैस के बढ़ते दामों ने घरो का बजट बिगाड़ दिया है। महंगाई की मार गांव में साफ दिखने लगी है। परेशान ग्रामीण महिलाओं ने रसोई गैस का इस्तेमाल छोड़ अब चूल्हे की ओर रुख कर लिया है। चूल्हे में खाना तैयार होने लगा है।
लगातार बढ़ती महंगाई से आम आदमी परेशान है। लगातार दो वर्ष कोरोना संकट ने प्रभावित कर दिया जिससे लोगों की आर्थिकी बिगड़ गई। अब लगातार रसोई गैस के दाम भी उछाल में है लगातार कीमतें बढ़ती जा रही है जिससे गांवों में लोगों का बजट बिगड़ गया है। आलम यह है कि अब गांव की महिलाओं ने रसोई गैस का इस्तेमाल कम करना शुरू कर दिया है। वापस घरों में चूल्हे जलने लगे हैं। जिसमें परिवारों का भोजन तैयार हो रहा है। रसोई गैस का इस्तेमाल ना के बराबर किया जा रहा है। लगातार बढ़ती कीमतों से गांव की महिलाएं परेशान है। रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे से सटे टूनाकोट गांव की भावना देवी, तारा देवी, पुष्पा देवी, विमला देवी, मीना देवी, गंगा देवी आदि महिलाओं के अनुसार लगातार रसोई गैस की बढ़ती कीमतें व महंगाई से बजट बिगड़ चुका है। रसोई गैस की कीमत अब बजट से बाहर जा रही हैं। इसीलिए अब चूल्हे में खाना तैयार किया जा रहा है। बीते कुछ वर्षों से चूल्हे एकदम बंद हो चुके थे पर महंगाई की मार ने अब दोबारा चूल्हे की ओर रुख करने को मजबूर कर दिया है। सुबह शाम का भोजन चूल्हे में ही तैयार किया जा रहा है। कई महिलाओं ने सब्सिडी ना आने की भी बात कही है।