🔳 रामगढ़ ब्लॉक के सूंण गांव में हुई बैठक में उठा मुद्दा
🔳 भूमि प्रबंधन के बगैर बेहतर खेती को दिया झूठ करार
🔳 चंकबदी के फैसले सरकारी दावों पर जताई निराशा
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]

गांवों में खेती बचाने को चकबंदी की मांग जोर पकड़ने लगी है। चकबंदी से जुड़े मुद्दे पर धरातल पर कार्य होने के बजाय दावे महज कागजों में कैद हो जाने पर लोगों ने नाराजगी जताई है। ग्रामीणों ने लगातार खत्म होती खेती बचाने को चकबंदी किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।
गुरुवार को सूंण गांव में हुई बैठक में कई अहम बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। मौसम परिवर्तन, सिंचाई की समुचित व्यवस्था न होने तथा जंगली जानवरों के बढ़ते आंतक पर चिंता व्यक्त की गई। समाजसेवी कमल सुनाल ने कहा की भूमि प्रबंधन के बगैर बेहतर खेतीबाड़ी की बात करना ही बेमानी है। आरोप लगाया है सरकारें हमेशा चंकबदी की बात तो करती है पर धरातल पर दावे हवा हवाई साबित हो जाते हैं। कहा की यदि चंकबंदी की जाएगी तो निश्चित रुप से किसानों का खेतीबाड़ी की ओर रुझान भी बढ़ेगा तथा गांवों से हो रहे पलायन पर भी अंकुश लग सकेगा। ग्रामीणों ने एक स्वर में चंकबदी व्यवस्था लागू किए जाने की पुरजोर मांग उठाई ताकी खेतीबाड़ी पर मंडरा रहे संकट को टाला जा सके तथा गांवों के किसान लाभान्वित हो सकें। इस दौरान हरी गोपाल, हरीश सुनाल, मोहन सुनाल, सुंदर, दिगंबर, धारा बल्लभ आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *