🔳 महत्वपूर्ण हाईवे की मरम्मत में सामने आई बड़ी लापरवाही
🔳 डेढ़ वर्ष का लंबा समय बीतने के बावजूद आज तक जगह जगह कार्य अधूरे
🔳 निर्माण कार्यों को सड़क व भूतल मंत्रालय ने उपलब्ध कराया था बजट
🔳 करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद हाईवे जहां तहां खस्ताहाल
🔳 कार्यदाई संस्था के लापरवाह रवैए से यात्री व पर्यटक जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर
[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]

कुमाऊं के महत्वपूर्ण अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे की मरम्मत को सड़क व भूतल मंत्रालय से उपलब्ध करोड़ों रुपये के बजट के बावजूद कार्यदाई संस्था कार्य समाप्ति की तय सीमा बीत जाने के बावजूद कार्य पूरा करने में फेल हो गई है। तमाम स्थानों पर कार्य अधूरे पड़े हैं। आधे अधूरे कार्यों से दुर्घटना का जोखिम भी बढ़ता ही जा रहा है। यह हालत तब है जब कंपनी को स्वीकृत बजट का 90 फिसदी भुगतान तक किया जा चुका है। एनएच के अधिशासी अभियंता प्रवीन कुमार के अनुसार कंपनी पर कार्य विलंब होने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
पांच वर्ष पूर्व आपदा से कुमाऊं की लाइफ लाइन को काफि नुकसान पहुंचा। महत्वपूर्ण हाईवे की मरम्मत व सुरक्षित यातायात को ध्यान में रख केंद्रीय सड़क व भूतल मंत्रालय भारत सरकार ने एनएच प्रशासन को लगभग 32 करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध कराया। बजट मिलने से हाईवे की दशा में सुधार की उम्मीद जगी। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिल्ली की जेआरडी कंस्ट्रक्शन कंपनी को डेढ़ वर्ष पूर्व हाईवे की हालत में सुधार की जिम्मेदारी सौंपी गई। शुरुआत में ही कंपनी पर लापरवाह रवैए से कार्य करने के आरोप लगे। बारिश में हाटमिक्स कार्य करवाने पर कंपनी के खिलाफ एनएच के ही सहायक अभियंता ने मोर्चा भी खोला। बकायदा उच्चाधिकारियों तक को पत्र भेजकर निजी कंपनी की मनमानी की जानकारी दी। अब डेढ़ वर्ष का लंबा समय बीतने के बावजूद बीते जनवरी में कार्य समाप्ति की तारिख निकल जाने के बावजूद हाईवे के हालात नासाज है। जौरासी, रातीघाट, भोर्या बैंड, चमड़ियां समेत तमाम स्थानों पर कार्य अधूरे पड़े हुए हैं। आधे अधूरे कार्य होने से आवाजाही करने वाले यात्रियों की जिंदगी पर भी खतरा बढ़ता ही जा है। कई स्थानों पर डामरीकरण भी नहीं किया गया है। जहां डामरीकरण हुआ भी है वहां भी डामरीकरण की परतें उखड़ने लगी है। व्यापार मंडल प्रदेश उपाध्यक्ष विरेन्द्र सिंह बिष्ट, दीवान सिंह, संजय सिंह, मनोज बिष्ट, पंकज नेगी, गोविन्द सिंह ने आरोप लगाया की निजी कंपनी ने तय समय पर कार्य पूरा न कर लापरवाही का प्रमाण दिया है। लोगों ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठाई है। स्वीकृत बजट से अधूरे कार्य में ही 90 फिसदी भुगतान रोष भी जताया। एनएच के अधिशासी अभियंता प्रवीन कुमार के अनुसार निर्माण कार्य में विलंब होने से कंपनी के उपर जुर्माना लगाया जाएगा। प्रयास किया जा रहा है की जल्द कार्य पूरे हो सकें। अधूरे कार्यो का भुगतान भी रोका गया है।

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