🔳 लगातार बढ़ रहे खतरे को देख सड़क व भूतल मंत्रालय ने किया बजट स्वीकृत
🔳 कोसी नदी क्षेत्र तथा पहाड़ी पर होंगे हाईटेक तकनीक से सुरक्षा कार्य
🔳 बरसाती पानी की निकासी को भी होंगे ठोस उपाय
🔳 बजट की स्वीकृति के बाद एनएच प्रशासन ने शुरु की टेंडर प्रक्रिया
[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]

कुमाऊं की लाइफ लाइन अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर लोहाली की पहाड़ी के उपचार को सड़क व भूतल मंत्रालय भारत सरकार ने हरी झंडी दे दी है। बकायदा 34 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति मिली है। बजट मिलने के बाद अब एनएच प्रशासन ने खतरा टालने को कवायद तेज कर दी है। एनएच के सहायक अभियंता जीके पांडे के अनुसार टेंडर प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। प्रकिया पूरी हो जाने के बाद कार्य शुरु करवाया जाएगा।
हाईवे पर लोहाली क्षेत्र में लगातार दरक रही पहाड़ी खतरा बनी हुई है। बारिश में पहाड़ी से भूस्खलन शुरु हो जाता है‌। मलबा व पत्थर गिरने से आवाजाही भी ठप हो जाती है। जर्जर हालत में पहुंच चुकी पहाड़ी से गिरे पत्थरों से पूर्व में करीब एक दर्जन से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग पत्थरों की चपेट में आकर गंभीर रुप से घायल तक हो चुके हैं। पूर्व में एनएच प्रशासन ने पहाड़ी से हादसे टालने को कोसी नदी की ओर करोड़ों रुपये की लागत से एलाइनमेंट बदल नया हाईवे तैयार करवाया। कुछ समय तक राहत मिली पर वर्ष 2010 में कोसी नदी के उफान ने नए हाईवे को ध्वस्त कर डाला। एनएच प्रशासन ने दोबारा सुरक्षित आवाजाही को प्रस्ताव तैयार किया। टिहरी हाइड्रो डवलमेंट कारपोरेशन (टीएचडीसी) की मदद से बेहतर डिजाइनिंग तैयार कर सड़क व भूतल मंत्रालय को भेजा। टीएचडीसी के बेहतर प्रोजेक्ट पर सड़क व भूतल मंत्रालय ने मुहर लगा नदी की ओर सुरक्षा कार्यों के साथ ही खतरा बन चुकी पहाड़ी से खतरा टालने को करीब पचास मीटर ऊंचाई तथा करीब चार सौ मीटर लंबे दायरे में सुरक्षा संबंधी कार्य करवाए जाने को लगभग 34 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत कर दिया है। सुरक्षा संबंधी कार्यों के साथ ही पहाड़ी पर बरसाती पानी की निकासी को बेहतर तकनीक भी अपनाई जाएगी। एनएच के सहायक अभियंता जीके पांडे के अनुसार सुरक्षा संबंधी कार्य होने के बाद काफि हद तक खतरा टल सकेगा। सुरक्षित आवाजाही हो सकेंगी। टेंडर प्रक्रिया संपन्न होने के बाद कार्य शुरु करवाए जाएंगे।