🔳 मिनी स्टेडियम गडस्यारी में हुए कार्यक्रम में महिलाओं को दी गई अहम जानकारियां
🔳 लाइसेंस प्राप्त कर भांग की खेती से जुड़ने का किया गया आह्वान
🔳 आसपास के गांवों से पहुंची ढाई सौ से ज्यादा महिलाएं
🔳 जंगलों को बचाने व पौधरोपण अभियान का लिया गया संकल्प
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से सटे गडस्यारी गांव में लोक शक्ति मंच के तत्वावधान में हुए कार्यक्रम में तमाम गांवों से पहुंची महिलाओं को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। भांग की खेती के तौर तरीके व बाजार मुहैया कराने का भरोसा दिलाया गया। वक्ताओं ने कहा की गांवों में जंगली जानवर खेती के लिए अभिशाप बन चुके हैं ऐसे में लाईसेंस प्राप्त कर भांग की खेती वरदान बन सकती है।
बुधवार को मिनी स्टेडियम गडस्यारी में हुए कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समीप दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। लोक शक्ति मंच उत्तराखंड की पुष्पा ने महिलाओं को कई अहम जानकारियां दी। महिलाओं को स्वरोजगार से जुड़ आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। पैलाग फाउंडेशन अल्मोड़ा के संस्थापक राजेंद्र सिंह बिष्ट व किरन बिष्ट ने भांग की खेती के विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। बताया की गांवों में जंगली जानवर व बंदर खेती चौपट करते जा रहे हैं। सिंचाई के पानी की समुचित व्यवस्था न होने से भी खेतीबाड़ी का रकबा घटता जा रहा है ऐसे में भांग की खेती गांव के लोगों के लिए आय का बेहतर साधन बन सकती है। सरकार से लाइसेंस प्राप्त कर नियमानुसार भांग की खेती के तौर तरीके बताए। महिलाओं को जंगलों को बचाने व वृहद पौधारोपण अभियान चलाने का संकल्प भी दिलाया गया। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने झोड़ा गायन कर समां बांधा। खो-खो व कब्बड्डी प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया गया। जागरुकता कार्यक्रम में गडस्यारी, हरडै,सडका, सुनियाकोट, सूरी, ओखिना, बड़सीला, डोल, मटीला, औलिया गांव समेत तमाम गांवों की महिलाओं ने प्रतिभाग किया। इस दौरान निहीर हिमालयन संस्था के आरडी जोशी, अतुल जोशी, दिवाकर सिंह नेगी, प्रताप सिंह बिष्ट आदि ने भी विचार रखे।