🔳 बगैर टेंडर प्रक्रिया के कार्य आवंटन पर खड़े हुए सवाल
🔳 कई गांवों की उपेक्षा किए जाने का भी आरोप
🔳 ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव ने जताई गहरी नाराजगी
🔳 पड़ोसी रामगढ़ ब्लॉक की तर्ज पर टेंडर प्रक्रिया अपनाएं जाने की मांग
[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]

बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में आपदा मोचन निधी (एसडीआरएफ)मद के कार्य बगैर टेंडर आवंटित करने तथा कई गांवों की अनदेखी किए जाने पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव ने पड़ोसी रामगढ़ ब्लॉक में टेंडर प्रक्रिया से कार्य करवाए जाने को जायज ठहरा बेतालघाट ब्लॉक में भी टेंडर प्रक्रिया से कार्य करवाए जाने पर जोर दिया है साथ ही कई गांवों की उपेक्षा किए जाने पर नाराजगी जताई है।
बीते वर्षो में आपदा से बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में हुए नुकसान की भरपाई को आपदा मोचन निधी से करीब सोलह लाख रुपये के बजट को स्वीकृति मिली है। बजट मिलने के बाद ब्लॉक मुख्यालय से बगैर टेंडर प्रक्रिया के कार्य आवंटित किए जाने पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ग्राम प्रधान मल्ली पाली व ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी ने बगैर टेंडर के कार्य आवंटन पर नाराजगी जताई है। आरोप लगाया की विभागीय अधिकारीयों ने कई गांवों में हुए नुकसान की अनदेखी कर ऐस्टीमेट तैयार करने में ही उपेक्षा की जिस कारण तमाम गांवों में क्षतिग्रस्त कार्य जस के तस है। बजट उपलब्ध न होने से भविष्य में भी क्षतिग्रस्त कार्यों की मरम्मत मुश्किल है। आरोप लगाया की चहेतों को लाभ दिलाने के लिए बगैर टेंडर प्रक्रिया के ही बजट आवंटित कर दिया गया है जबकि पड़ोसी रामगढ़ ब्लॉक में आपदा मोचन निधी से स्वीकृत बजट के कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई है। लघु सिंचाई विभाग के अपर सहायक अभियंता धीरेन्द्र सिंह रावत के अनुसार जितने भी प्रस्ताव मिले उन पर बजट उपलब्ध हुआ है। बीडीओ को दो लाख रुपये तक के कार्यों को कराने की पावर होती है। कोटेशन प्रणाली अपनाई गई है।

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