= भवाली, नैनीताल, भीमताल, द्वाराहाट, रानीखेत में जीते कांग्रेस उम्मीदवार
= मजबूत किले ध्वस्त कर कांग्रेस ने दी भाजपा को पटकनी
= चुनाव परिणामों से रणनितीकारों की कुर्सियां हिलनी तय
= निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी चुनावों में दिखाया दम
= अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत की सीटों से भाजपा को मिली राहत
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]
प्रदेश में हुए निकाय चुनाव के बाद आए परिणामों ने सत्ताधारी भाजपा को बैचेन कर दिया है। कुमाऊं की कई सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कर सत्ता पक्ष के खेमे में हलचल बढ़ा दी है। हार का ठिकरा किसके सर फूटेगा यह तो भविष्य के गर्भ में है पर परिणामों से इतना जरुर स्पष्ट हो गया है की आमजन में नाराजगी हावी होने लगी है। सत्ता के नशे में चूर भाजपा के लिए भी यह परिणाम सबक लेने जैसे है जबकि कांग्रेस खेमें में जबर्दस्त उत्साह है।
निकाय चुनावों के परिणामों से कहीं खुशी की लहर है तो कहीं मायूसी छा गई है। नैनीताल, भवाली, भीमताल, चिलियानौला के चुनाव परिणामों ने सबको चौंका दिया है। सत्ता पक्ष के रणनीतिकार के इन क्षेत्रों के परिणामों से असहज होना लाजिमी है। आखिरकार विपक्षियों की घेराबंदी में कहां चूक हो गई यह तो समीक्षा के बाद साफ हो सकेगा पर इतना साफ हो गया है की जनता जनार्दन ने भविष्य के लिए एक बड़ा संदेश दे दिया है। हालांकि भाजपा ने अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत समेत कई निकायों में दमदार प्रदर्शन किया है पर नैनीताल जनपद में प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। निकायों के बाद अब पंचायत चुनावों का आगाज होगा। देखना रोचक होगा की भाजपा कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों का प्रदर्शन कैसा रहता है क्योंकि इन चुनावों से ही राजनीतिक पार्टियों के लिए आगामी विधानसभा चुनावों का रास्ता तैयार होगा।