🔳 आवासीय परिसर के खस्ताहाल होने से बड़े हादसे का अंदेशा
🔳 लगातार खतरा बढ़ने के बावजूद नहीं ली जा रही सुध
🔳 खतरे को भांप कई चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी किराए के कमरे को बना रहे बसेरा
🔳 चिकित्सा प्रभारी बोले – मरम्मत को भेजा गया है प्रस्ताव
[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]
कोसी घाटी में धरती के भगवानों की जिंदगी पर ही खतरा मंडरा गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरमपानी के आवासीय भवन जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। बावजूद सुध नहीं ली जा रही है। मजबूरी में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी मजबूरी में खतरे के बीच दिन काट रहे है। कुछ हादसे के भय से बाजार क्षेत्र में किराए के कमरों में दिन काट रहे हैं।
पर्वतीय क्षेत्रों के अस्पताल जहां चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी से जूझ रहे हैं तो वहीं सुविधाओं का भी अकाल पड़ा है। अस्पतालों में तैनात चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है जिस कारण चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी कुछ समय पर्वतीय क्षेत्रों में रुकने के बाद नगरीय क्षेत्रों को रुख कर जा रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरमपानी में तैनात चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की जिंदगी पर ही खतरा मंडरा रहा है। जर्जर हालत में पहुंच चुके आवासीय भवन बड़ी घटना की ओर इशारा कर रहे हैं। मजबूरी में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी जान जोखिम में डाल आवासीय भवनों में रहने को मजबूर हैं। आवासीय भवनों की बिगड़ती स्थिति से कई चिकित्सक अस्पताल से दूर बाजार क्षेत्र में महंगे किराए के कमरे में रहने को मजबूर हो चुके हैं। लंबे समय से अस्पताल के आवासीय भवनों की मरम्मत की मांग भी उठ चुकी है बावजूद सुध नहीं ली जा रही। आवासीय भवनों की टूटी खिड़कियां, टूटे दरवाजे व फर्श तथा दरक रही छत विभागीय उपेक्षा की ओर इशारा कर रही है। ऐसा लगता है मानो स्वास्थ्य विभाग किसी बड़ी अनहोनी के इंतजार में हो। चिकित्सा प्रभारी डा. सतीश पंत के अनुसार आवासीय भवनों की हालत बेहद खराब है। मरम्मत के लिए प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भेजा जा चुका है।