= बेतालघाट तथा गरमपानी अस्पताल में गूंजे सरकार विरोधी नारे
= सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप
= बारह सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं आशा वर्कर

(((मनीष कर्नाटक/हरीश कुमार/अंकित सुयाल की रिपोर्ट)))

आशा वर्करों का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। 25 दिन बीतने के बावजूद कोई सुध न लेने पर अब आशा वर्कर आक्रोशित होने लगी है। सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द बारह सूत्रीय मांगे पूरी न हुई तो आंदोलन और तेज कर दिया जाऐगा।
राज्य कर्मचारी घोषित करने, मासिक वेतन समेत 12 सूत्रीय मुद्दों को लेकर हड़ताल पर डटी आशा वर्कर पीछे हटने को तैयार नहीं है। 25 दिन बीत जाने के बावजूद आशा वर्करों में रोष बरकरार है। गुरुवार को भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरमपानी व बेतालघाट में आशा वर्करों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। साथ ही सरकार पर उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया। कहा कि लगातार आंदोलन के बावजूद सरकार सुध नहीं ले रही जो निंदनीय है। चेताया है कि यदि यही हाल रहा तो आंदोलन और तेज किया जाऐगा। जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा। गरमपानी सीएचसी में नीमा भट्ट, पुष्पा जोशी, इंदु बिष्ट, आशा बिष्ट, बसंती तिवारी, आरती आर्या, चंद्रा देवी, खष्टी आर्या, जानकी देवी, हंसा जोशी, मंजू देवी, विमला देवी, दीपा बिष्ट, मंजू देवी, हेमा देवी, रोशनी तथा बेतालघाट में विमला उप्रेती, भगवती बोहरा, विमला जलाल, आशा देवी, हंसी देवी, कमला आर्या, भगवती भंडारी, आशा तिवारी, माया जोशी, हीरा नेगी, उषा सत्यवली आदि आंदोलन पर डटे रहे।