= सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप
= सरकार विरोधी नारों से गूंज रहे अस्पताल

(((विरेन्द्र बिष्ट/सुनील मेहरा/फिरोज अहमद की रिपोर्ट)))

गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की रिढ़ मानी जाने वाली आशा कार्यकर्ताओं का गुस्सा ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा। मांगों की अनदेखी पर पारा चढ़ते ही जा रहा है। कार्य बहिष्कार होने से अब गांवों में भी स्थिति बिगड़ रही है।
बारह सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन पर डटी आशा वर्करों की मांगे पूरी ना होने पर गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। रोजाना अस्पतालों में सरकार विरोधी नारे गूंज रहे हैं। सीएचसी गरमपानी व बेतालघाट में आशा वर्कर आंदोलन पर डटी हुई हैं। आशा वर्करों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। कहा कि कोरोना काल में पूरे मनोयोग से कार्य करने के बाद अब आशाओं की उपेक्षा की जा रही है। दो टूक चेतावनी दी कि यदि जल्द मांगे पूरी नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। इस दौरान नीमा भट्ट, इंदु बिष्ट, जानकी देवी, बसंती देवी, आरती आर्या, चंद्रा देवी, उमा देवी आदि मौजूद रहे।