= लोगों को आवाजाही में करना पड़ रहा है दिक्कतों का सामना
= बड़ी बड़ी झाड़ियां होने से बना हुआ है जंगली जानवरों का भय

(((मनीष कर्नाटक/अंकित सुयाल/हरीश कुमार की रिपोर्ट)))

गांवो के पैदल मार्ग तो बदहाल है ही अब श्मशान घाट को जाने वाले रास्ते भी बदहाली का दंश झेल रहे हैं जिससे शवदाह को पहुंचने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों ने रास्ते की साफ सफाई कर व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई है।
गांवों में तमाम समस्याएं सिर चढ़कर बोल रही हैं। कहीं सड़क बदहाल हालत में है तो कहीं गांवो को जाने वाले पैदल रास्ते बदहाल पड़े हैं। वही सुयालबाड़ी से कोसी नदी स्थित शमशान घाट को जाने वाला पैदल मार्ग झाड़ियों से पटा पड़ा है जिसका कोई सुध लेवा ही नहीं है। सुयालबाडी़, ढोकाने, कमोली, छिमी आदि दूरदराज के गांवों के लोग शवदाह के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल कर सड़क से पांच सौ मीटर दूर कोसी नदी तक पहुंचते हैं पर रास्ते के बदहाल होने व बड़ी-बड़ी झाड़ियां होने से लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जंगली जानवरों का भी भय बना रहता है पर कोई सुध लेवा नहीं है। ग्रामीणों ने शमशान घाट को जाने वाले रास्ते को तत्काल दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। चेताया है की समय रहते सुध नहीं ली गई तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।