🔳 युद्ध में विजय मिलते ही भगवान राम के जयकारों से गूंजा समूचा क्षेत्र
🔳 कलाकारों ने शानदार अभिनय से किया दर्शकों को मंत्रमुग्ध
🔳 सूदूर गांवों से पहुंचे दर्शकों ने कलाकारों का किया उत्साहवर्धन
🔳 अल्मोड़ा से पहुंची कलाकारों की टीम ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की दी प्रस्तुति
[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे सिरसा गांव में रामलीला मंचन में आखरी दिन आसपास के गांवों से सैकड़ों दर्शक रामलीला का लुत्फ उठाने पहुंचे। जैसे ही पुरुषोत्तम भगवान राम ने मायावी रावण का वध किया पूरा पंडाल भगवान राम के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। रामलीला मैदान के समीप दशानन के पुतला दहन भी किया गया।
रामगढ़ ब्लॉक के सिरसा गांव में रामलीला मैदान से माहौल राममय बना हुआ है। अंतिम दिन कुंभकरण वध के मंचन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। खरदूषण, मेघनाद, अहिरावण, खरदूषण समेत कई वीरों को युद्ध में खो देने के बाद लंकाधिपति रावण के सोने की लंका में अकेला रह जाने के मंचन को भी दर्शकों ने खूब सराहा। आखिर में भंयकर युद्ध के बाद भगवान राम ने अहंकारी रावण का वध किया। देर रात तक दर्शक कलाकारों का उत्साहवर्धन करते रहे। बाद में रावण के पुतले का दहन भी किया गया। भगवान राम के अयोध्या लौटने के मंचन ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। अल्मोड़ा से पहुंचे सांस्कृतिक दल ने भी रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। क्षेत्रवासियों ने रामलीला कमेटी के कार्यों की सराहना की। धर्माचार्य रमेश चंद्र तिवाड़ी ने धार्मिक अनुष्ठान किए। इस दौरान रामलीला कमेटी अध्यक्ष नारायण सिंह जीना, कोषाध्यक्ष कुबेर सिंह जीना, महेंद्र सिंह, रोहित सिंह, पंकज सिंह, चंद्रप्रकाश, कमलेश जीना, रोहित, ललित नेगी, देवेंद्र सिंह, विनोद कुमार, गोपाल सिंह, नारायण सिंह आदि मौजूद रहे।

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