🔳 सिंचाई नहरें ध्वस्त, सबरर्सिवल पंप से भी नहीं कराया जा रहा पानी उपलब्ध
🔳 मायूस किसान कई बार उठा चुके मांग बावजूद नहीं ली जा रही सुध
🔳 रबी की बुआई नजदीक, अस्थाई रुप से पानी उपलब्ध कराने में भी अफसर फेल
🔳 सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता बोले – नलकूप खंड से वार्ता कर सिंचाई को पानी देने का हरसंभव किया जाएगा प्रयास
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]

बेतालघाट ब्लॉक के किसानों को राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही। सिंचाई नहरों के ध्वस्त पड़े होने के बाद किसानों की मांग पर सबरर्सिवल पंप तक से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ग्रामीण विभागीय अधिकारियों को पत्राचार तक कर चुके हैं बावजूद सुध नहीं ली जा रही। नलकूप खंड रामनगर के सहायक अभियंता प्रशांत आर्या के अनुसार पंप से आपूर्ति को उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सुमित मलवाल के अनुसार पंप से अस्थाई रुप से पानी उपलब्ध कराने को नलकूप खंड के अधिशासी अभियंता से जल्द वार्ता की जाएगी।
अनाज व सब्जी उत्पादन की पैदावार के लिए खास पहचान रखने वाले बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों में सिंचाई व्यवस्था किसानों के लिए बड़ी समस्या बन चुकी है। सिंचाई नहरों चार वर्ष से ध्वस्त होने व मरम्मत के लिए छह करोड़ रुपये से भी अधिक का बजट मिले लंबा समय बीतने के बावजूद एक भी सिंचाई नहर के दुरुस्त न हो पाने से खेत बंजर होने लगे हैं। कोसी घाटी के कास्तकार मायूस हो चुके हैं। अस्थाई रुप से सबरर्सिवल पंप के माध्यम से पानी उपलब्ध कराए जाने की कई बार मांग भी उठाई जा चुकी है पर अब तक विभागीय अधिकारी कोई भी रणनीति तैयार नहीं कर सके हैं जबकि रबी की फसल की बुवाई नजदीक है। भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दिलीप सिंह बोहरा ने नहरों के निर्माण की धीमी प्रगति व सबरर्सिवल पंप के जरिए अस्थाई रुप से तक सिंचाई को पानी उपलब्ध न कराए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। दो टूक कहा की यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं किया गया तो किसानों को साथ लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सुमित मलवाल के अनुसार किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने को हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। नलकूप खंड के उच्चाधिकारियों से संपर्क साध सबरर्सिवल पंप से पानी उपलब्ध कराने को वार्ता की जाएगी नहरों के निर्माण में भी तेजी लाने को निर्देश दिए जाएंगे।

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