🔳 मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद विभाग सख्त
🔳 नाबार्ड से मिले छह करोड़ रुपये के बजट से गतिमान है कार्य
🔳 लंबा समय बीतने के बावजूद कार्य नहीं हो सका है पूरा
🔳 कोसी घाटी के किसान लगातार उठा रहे नुकसान
🔳 अधिशासी अभियंता ने किया गुणवत्तायुक्त कार्य करवाने का दावा
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]
बेतालघाट क्षेत्र में नाबार्ड से मिले छह करोड़ रुपये से भी अधिक के बजट से किए जा रहे सिंचाई नहरों के पुनर्निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का मामला मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल में दर्ज होने के बाद अब सिंचाई विभाग ने सख्त रुख अपना लिया है। विभाग के अधिशासी अभियंता सुमित मलवाल के अनुसार नदी की सामग्री का इस्तेमाल कर निर्माण करने वाले कार्यों पर तत्काल रोक लगाई जाएगी। गुणवत्ता विहीन कार्य बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। कार्यों में तेजी लाने को भी निर्देशित किया जाएगा।
बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने को बनी सिंचाई नहरें पिछले चार वर्ष से भी अधिक समय से ध्वस्त पड़ी है। नाबार्ड से करीब छह करोड़ रुपये के बजट से नहरों को दुरुस्त करने का कार्य गतिमान है। भारी-भरकम बजट उपलब्ध होने के बावजूद नहरों की समय पर मरम्मत न होने से खेत बंजर हो चुके हैं। किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब करोड़ों रुपये का बजट मिलने के बाद सिंचाई नहरों के कार्य में कोसी नदी की मिट्टी मिश्रित रेत के इस्तेमाल का मामला तूल पकड़ने व आरटीआई कार्यकर्ता कृपाल सिंह मेहरा के शिकायत मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल पर दर्ज करवाए जाने से गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है की मानक के उलट घटिया रेत का इस्तेमाल कर सिंचाई नहरों का निर्माण किया जा रहा है जिससे भविष्य में दोबारा नहरों के क्षतिग्रस्त होने का अंदेशा है। वहीं बजट मिलने के बावजूद कछुवा गति से किए जा रहे कार्यों पर भी नाराजगी जताई है। शिकायत दर्ज होने के बाद अब सिंचाई विभाग ने भी सख्त रुख अपना लिया है। संबंधित विभाग के अधिशासी अभियंता सुमित मलवाल ने घटिया रेत का इस्तेमाल कर किए जा रहे कार्यों पर तत्काल रोक लगाने का दावा किया है। अधिशासी अभियंता के अनुसार नदी की रेत से किए जा रहे कार्यों पर रोक लगाई जाएगी। साफ कहा की गुणवत्ताविहीन कार्य कतई बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। जल्द निरीक्षण भी किया जाएगा। साथ ही कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए जाएंगे ताकी समय पर कार्य पूरे करवाए जा सके।