= दहशत का पर्याय बना जंगली भालू
= तमाम गांवों के बाद अब कैंची क्षेत्र को किया रुख
= ग्रामीणों ने उठाई पिंजरा लगा गुलदार के आतंक से निजात दिलाए जाने की मांग

(((हरीश चंद्र/फिरोज अहमद/विरेन्द्र बिष्ट की रिपोर्ट)))

कुछ समय शांत रहने के बाद जंगली भालू की धमक एक बार फिर बढ़ गई है। अब भालू ने कैंची क्षेत्र की ओर रुख कर लिया है। अखरोट की टहनियों को तहस नहस कर पेड़ों को नुकसान कर डाला है। जिससे किसानों को नुकसान उठाना पडा़ है। क्षेत्रवासियों ने वन विभाग से भालू के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।
बेतालघाट ब्लॉक के हली, धारी, उल्गौर तथा आसपास के गांवो में घुसपैठ के बाद अब भालू कैंची क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। जिससे ग्रामीण दहशत में है। दिनदहाड़े गांव के आसपास भालू देखे जाने से गांव के वासिंदो में दहशत व्याप्त है। ग्रामीणों के अनुसार अखरोट की कई टहनियों को नुकसान कर डारा है। जिससे नुकसान बढ़ गया है। लोगों का घरो से निकलना दूभर हो चुका है। महिलाएं खेतों में नहीं जा पा रही। इससे पूर्व हली गांव में भालू एक व्यक्ति को मार भी चुका है ऐसे में दहशत बढ़ गई है। स्थानीय सुरेंद्र सिंह बिष्ट, गोधन सिंह, पान सिंह बिष्ट, राम सिंह मेहरा,हरीश चंद्र आदि ने वन विभाग से गांव में पिंजरा लगा भालू के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।