🔳 चार वर्ष का लंबा समय बीतने के बावजूद थमी है बैराज की प्रगति
🔳 डीपीआर निर्माण के बाद अब तक नहीं मिल सकी है बजट को स्वीकृति
🔳 जिला मुख्यालय नैनीताल समेत तमाम गांवों को जलापूर्ति को होना था बैराज निर्माण
🔳 शुरुवाती चरण के सर्वे व डीपीआर निर्माण तक ही दिखी तेजी
🔳 लंबे समय से कोई सुनवाई न होने से पंचायत प्रतिनिधि व क्षेत्रवासी भी मायूस
[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]

नैनीताल जिला मुख्यालय समेत ताड़ीखेत ब्लॉक व आसपास के गांवों को पेयजल उपलब्ध कराने को कोसी नदी पर प्रस्तावित बढेरी बैराज की प्रगति थम सी गई है। कई दौर के सर्वे, जांच व डीपीआर निर्माण को चार वर्ष का लंबा समय बीतने के बावजूद बैराज अस्तित्व में नहीं आ सका है। लगभग छह सौ करोड़ रुपये से बनाए जाने वाले बैराज की कवायद थमने से पंचायत प्रतिनिधियों व क्षेत्रवासियों में मायूसी है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एके वर्मा के अनुसार बैराज से संबंधित फाइल शासन स्तर पर है। उच्चाधिकारियों से दिशा निर्देश मिलने के बाद ही आगे कदम उठाए जाएंगे।
शहीद बलवंत सिंह भुजान – बर्धो मोटर मार्ग पर बढेरी क्षेत्र में कोसी नदी पर वर्ष 2019 में बैराज की कवायद शुरु हुई। प्रारम्भिक सर्वे के बाद नदी पर 20 मीटर ऊंचे तथा डेढ़ किमी लंबे बैराज निर्माण का खाका तैयार किया गया। जिला मुख्यालय नैनीताल व पड़ोसी ताड़ीखेत ब्लॉक के तमाम गांवों व बेतालघाट ब्लॉक के आसपास के गांवों को भी पेयजल आपूर्ति को प्रस्तावित बैराज निर्माण को तत्कालीन राज्यसभा सांसद व वर्तमान में सांसद अनिल बलूनी के रुची दिखाने पर कई विभागों के अफसरों ने भागदौड़ तेज कर दी। सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की की टीम ने भी नदी क्षेत्र में कई दौर की ड्रिलिंग का कार्य कर मजबूत चट्टान के नमूने भी जुटाए। बैराज निर्माण को हरी झंडी मिलने के बाद सरकार ने डीपीआर निर्माण को लगभग बीस लाख रुपये से अधिक का बजट भी अवमुक्त कर दिया। बजट मिलने के बाद बैराज के अस्तित्व में आने की उम्मीद जगी तथा सिंचाई विभाग ने लगभग 600 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार कर सरकार को भेज दी। तब से आज तक मामला ठंडे बस्ते में है। शुरुवाती सर्वे के साथ तेज़ी से शुरु हुई कवायद डीपीआर निर्माण के बाद थम गई है। चार वर्ष का लंबा समय बीतने के बावजूद नदी क्षेत्र में निर्माण तो दूर बैराज की बुनियाद तक नहीं रखी जा सकी है। बैराज निर्माण को गठित डीपीआर को स्वीकृति न मिलने से अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। बजट के इंतजार में सरकार की ओर देखना मजबूरी है। महत्वाकांक्षी बैराज के अब तक अस्तित्व में न आने पर स्थानीय लोग भी मायूस हो चुके हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एके वर्मा के अनुसार डीपीआर गठित कर शासन को भेजी जा चुकी है। स्वीकृति मिलने पर आगे कदम बढ़ाए जाएंगे।

20 लाख घन मीटर जमा होता पानी, पर्यटन व्यवसाय को मिलती गति

बहुप्रतीक्षित बढेरी बैराज निर्माण की कवायद थमने से तमाम गांवों के लोगो की उम्मीदों को भी गहरा झटका लगा है। बैराज निर्माण से जिला मुख्यालय नैनीताल समेत आसपास के गांवों को रोजाना 60 एमएलडी पानी की आपूर्ति होनी थी। डेढ़ किमी लंबे व बीस मीटर ऊंचाई वाले बैराज में 20 लाख घन मीटर पानी जमा करने की योजना थी। बैराज निर्माण से नौकायन समेत अन्य गतिविधियां होने से बढेरी क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय को भी गति मिलती। स्थानीय लोगों को भी रोजगार उपलब्ध होता पर लंबे समय से बैराज निर्माण की सुनवाई न होने से उम्मीदें टूटती जा रही है।

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