🔳 मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही झुड़ बनाकर डेरा डाल रहे बंदर
🔳 प्रसाद के लिए कर रहे छिनाछपटी, भगाने पर दौड़ रहे काटने
🔳 छोटे छोटे बच्चों के लेकर आवाजाही बन रही चुनौती
🔳 तमाम गांवों में भी आफत बन रहा बंदरो का झुंड
🔳 डीएफओ बोले – जल्द टीम भेजकर बंदर पकड़ने को चलाया जाएगा अभियान
[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर स्थित सुप्रसिद्ध कैंची क्षेत्र में बंदर श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। मंदिर में आवाजाही करने वाले श्रद्धालुओं से बंदर प्रसाद छीन ले जा रहे हैं। भगाने पर श्रद्धालुओं को काटने दौड़ जा रहे हैं। छोटे छोटे बच्चों को लेकर मंदिर पहुंच रहे बाबा भक्त बंदरों के बढ़ते आंतक से दहशत में हैं। तमाम गांवों में कटखने बंदर दहशत फैला रहे हैं। डीएफओ चंद्रशेखर जोशी के अनुसार जल्द टीम भेजकर बंदर पकड़ने का अभियान चलाया जाएगा।
हाइवे पर स्थित सुप्रसिद्ध कैंची धाम में रोजाना हजारों श्रद्धालु बाबा के दर पर मत्था टेकने पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए मंदिर प्रबंधन व प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं बनाई है पर पिछले कुछ समय से मंदिर के आसपास लगातार बढ़ रही बंदरों की संख्या बढ़ी परेशानी बन गई है। बंदरों का झुंड मंदिर के मुख्य गेट व शिप्रा नदी पर बनी पुल पर डेरा डाल दे रहा है। मंदिर आवाजाही करने वालों से बंदर छिनाछपटी पर आमादा हो जा रहे हैं प्रसाद छिन ले रहे हैं। श्रद्धालु बंदरों को भगाने का प्रयास कर रहे हैं तो बंदर उन्हें काटने दौड़ रहे हैं। छोटे छोटे बच्चों को बंदरों से बचाना मुश्किल होता जा रहा है। बंदरों के आंतक के बीच बामुश्किल श्रद्धालु आवाजाही कर रहे हैं। बंदरों के उत्पात का सिलसिला सुबह से शाम तक लगातार जारी है। श्रद्धालुओं के पीछे दौड़ रहे बंदरों से कभी भी बड़ी घटना सामने आने का अंदेशा भी बना हुआ है। पूर्व ग्राम प्रधान दिनेश तिवारी के अनुसार बंदरों की संख्या में इजाफा हो चुका है। श्रद्धालु व स्थानीय लोग भी परेशान हैं। व्यापारियों व पंचायत प्रतिनिधियों ने मंदिर परिसर के आसपास लगातार बढ़ रहे बंदरों के आंतक से निजात दिलाने की मांग उठाई है। इधर बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों में भी कटखने बंदरों का आंतक चरम पर पहुंच गया है। वन विभाग के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी के अनुसार बंदरों को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई है। कैंची धाम समेत अन्य क्षेत्रों में जल्द टीम भेजकर बंदरों को पकड़ने का अभियान शुरु किया जाएगा।

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