🔳 सरकारी एंबुलेंस में अस्थाई चालक के जिम्मे मरीजों की जिंदगी
🔳 स्थाई चालक उपलब्ध न होने से सफेद हाथी बन चुकी सरकारी एंबुलेंस
🔳 अस्थाई चालकों के भरोसे कभी कभी संचालित की जाती है सेवा
🔳 विभागीय कार्यप्रणाली से पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों में रोष
🔳 जल्द स्थाई चालक की तैनाती किए जाने की मांग
[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]]]

तमाम गांवों के मध्य तथा अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरमपानी में सरकारी एंबुलेंस के लिए चालक ही न होने से मरीजों को एंबुलेंस का लाभ ही नहीं मिल रहा। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. सतीश पंत के अनुसार अस्पताल में चालक का पद ही स्वीकृत नहीं है। ऐसे में अस्थाई रुप से चालक की व्यवस्था कर एंबुलेंस संचालित की जाती है। व्यापारियों व पंचायत प्रतिनिधियों ने व्यवस्था पर गहरी नाराजगी व्यक्त कर जल्द अस्पताल में चालक की तैनाती किए जाने की मांग उठाई है।
पहाड़ के बाशिंदे पहले ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं को तरस रहे है वहीं अब स्वास्थ्य विभाग के नियम लोगों पर भारी पड़ रहे हैं। क्षेत्रिय जन विकास संघर्ष समिति के लंबे आंदोलन के बाद करीब तीन वर्ष पूर्व सीएचसी गरमपानी को बामुश्किल सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध हो पाई। उम्मीद जगी की अब आपातकालीन 108 सेवा व सरकारी एंबुलेंस से लोगों को लाभ मिल सकेगा पर सरकारी एंबुलेंस सफेद हाथी बन चुकी है। एंबुलेंस को संचालित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग आज तक एक चालक तक उपलब्ध नहीं करा पाया है जिस कारण एंबुलेंस अधिकांश अस्पताल के मुख्य गेट पर खड़ी ही रहती है। आपातकालीन 108 सेवा के व्यस्त होने पर मरीजों को घंटों तक इंतजार करना पड़ता है मजबूरी में कई लोग टैक्सी वाहनों से भी मरीजों को हायर सेंटर ले जाने को मजबूर हो जाते हैं। व्यापारी नेता विरेन्द्र सिंह बिष्ट ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गहरी नाराजगी जताई है। आरोप लगाया की स्वास्थ्य विभाग गांवों के लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ पर आमादा है। क्षेत्रिय जन विकास संघर्ष समिति के मनीष तिवारी, गजेन्द्र सिंह, शिवराज सिंह, संजय सिंह बिष्ट, बिशन सिंह जंतवाल, कृपाल सिंह मेहरा, राकेश जलाल आदि ने सीएचसी में उपलब्ध एंबुलेंस के लिए तत्काल चालक की तैनाती की मांग उठाई है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. सतीश पंत के अनुसार सीएचसी में चालक का पद स्वीकृत नहीं है। अस्थाई रुप से चालकों की व्यवस्था कर एंबुलेंस संचालित की जाती है। उच्चाधिकारियों को भी पत्राचार किया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *