🔳 खेतीबाड़ी चौपट होने से किसानों के माथे पर गहरी हुई चिंता की लकीरें
🔳 महत्वपूर्ण सिंचाई नहरों के ध्वस्त पड़े होने से खड़ी हुई समस्या
🔳 बंपर पैदावार के लिए पहचान रखने वाले गांवों में खेत बंजर
🔳 कांग्रेस ने खोला मोर्चा, किसानों के हितों से खिलवाड़ का लगाया आरोप
🔳 किसानों को नुकसान की भरपाई को मुआवजा दिए जाने की उठाई मांग
[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]]]

अनाज व सब्जियों की बंपर पैदावार के लिए पहचान रखने वाले बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में अक्टूबर व नवंबर में होने वाली गेहूं की बुआई पर संकट गहरा गया है। सिंचाई नहरों के ध्वस्त पड़े होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई है। सिंचाई के पानी के अभाव में गांवों में खेत बंजर होने लगे हैं। बेतालघाट कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष ने सिंचाई विभाग पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
वर्ष 2021 की आपदा की भेंट चढ़ी सिंचाई नहरों को आज तक दुरुस्त न किए जाने से अब कोसी घाटी के किसानों की चिंता बढ़ गई है। अक्टूबर व नवंबर में की जाने वाली गेहूं की बुआई पर प्रभावित होने के अंदेशे से धरतीपुत्र मायूस हैं। यह हालत तब है जब सरकार ने महत्वपूर्ण बर्धो, अपर व लोअर लेफ्ट, सिमलखा, बढेरी, गैरखाल, नैनीचैक, रतोडा, तिवाड़ी गांव, आमबाडी, मझेडा, रोपा, अमेल समेत कई नहरों को दुरुस्त करने के लिए लगभग छह करोड़ रुपये का बजट तक स्वीकृत कर दिया है। समुचित धनराशि मिलने के बावजूद नहरें आज भी ध्वस्त पड़ी हुई है। बजट मिलने के बावजूद नहरों के तहस नहस पड़े होने से अब कांग्रेस पार्टी ने भी मोर्चा खोल दिया है। संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष शेखर दानी ने विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है। आरोप लगाया की विभागीय अधिकारी किसानों की उपेक्षा पर आमादा है। बजट मिलने के बावजूद लंबे समय तक नहरों को दुरुस्त न किया जाना निंदनीय है। ब्लॉक अध्यक्ष ने चेतावनी दी है की यदि जल्द कार्य शुरु नहीं किया गया तो फिर किसानों को साथ लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एके वर्मा के अनुसार मानसून की वजह से कार्य में विलंब हुआ है। जल्द सभी क्षतिग्रस्त नहरों के कार्य शुरु कर दिए जाएंगे।

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