🔳 जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हुए यात्री व पर्यटक
🔳 व्यापारियों ने लगाया आरोप – बजट खपाने का बन चुका जरिया
🔳 पेंचवर्क व सुरक्षात्मक कार्यों के नाम पर खर्च कर डाले लाखों करोड़ों रुपये
🔳 महत्वपूर्ण स्टेट हाइवे की बदहाली पर जताई नाराजगी
🔳 जल्द स्थित में सुधार न होने पर मोर्चा खोलने की चेतावनी
[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]]
कुमाऊं के महत्वपूर्ण स्टेट हाइवे में शुमार खैरना – रानीखेत स्टेट हाइवे की दुर्दशा से आवाजाही करने वाले यात्री व पर्यटक जान जोखिम में डाल यात्रा को मजबूर हैं। लगातार आवाज उठाए जाने के बावजूद सुध न लिए जाने से व्यापारियों में नाराजगी बढ़ने लगी है। आरोप लगाया है की स्टेट हाइवे बजट ठिकाने लगाने का जरिया बन चुका है। पेंचवर्क व सुरक्षात्मक कार्यों के नाम पर ही लाखों करोड़ों रुपये खर्च किया जा चुका है बावजूद हालात ग्रामीण सड़क से बद्तर बने हुए हैं।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से तमाम पर्यटक स्थलों व भारतीय सेना के रानीखेत स्थित कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण खैरना रानीखेत स्टेट हाइवे पर कदम कदम पर खतरा मुंह उठाए खड़ा है। खैरना से महज सौ मीटर का सफर तय करने के साथ ही स्टेट हाइवे की बदहाल स्थिति सामने आ जाती है। लाखों करोड़ों रुपये की लागत से किए गए घटिया पेंचवर्क उखड़ने व ध्वस्त सुरक्षात्मक कार्य विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली की पोल खोल रहे हैं। घटिया पेंचवर्क उखड़ने के बाद अब उसमें पत्थर डालकर घटिया कार्यों को छिपाने की जद्दोजहद शुरु कर दी गई है। पातली निवासी व्यापारी नेता गजेंद्र सिंह नेगी, विरेन्द्र सिंह बिष्ट, कुलदीप सिंह खनायत, मनीष तिवारी, संजय सिंह बिष्ट, सुनील मेहरा, विनोद मेहरा, विक्रम सिंह बिष्ट, दीवान सिंह, पंकज नेगी, गोविन्द सिंह आदि ने स्टेट हाइवे की बदहाली पर नाराजगी जताई है। कहा की कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर व कई पर्यटक स्थलो को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण स्टेट हाइवे की दुर्दशा बड़ी घटना की ओर इशारा कर रही है। बावजूद अफसरों की कुंभकरणीय नींद नही टूट रही। व्यापारियों ने जल्द सुधार न किए जाने पर आंदोलन शुरु करने की चेतावनी दी है।