🔳 भूगर्भीय सर्वे व खतरा टालने को डीएम को भेजा जाएगा पत्र
🔳 परिसर में शिक्षक कक्ष में बढ़ने लगा धंसाव
🔳 जगह जगह लगातार चौड़ी होती जा रही दरारें
🔳 वर्ष 2010 की आपदा के बाद से उभरी है दरारें
🔳 पूर्व में शुरु हुई थी कवायद पर एकाएक थम गई प्रगति
[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय गंगरकोट (सुयालबाड़ी) परिसर में जगह जगह चौड़ी होती दरारों से बड़े हादसे का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। बढ़ रहे खतरे को भांप विद्यालय प्रबंधन भी अलर्ट मोड में आ गया है। विद्यालय के प्राचार्य पीसी उपाध्याय के अनुसार भूगर्भीय सर्वे कराने व खतरा टालने को ठोस उपाय किए जाने को जिलाधिकारी वंदना सिंह को पत्राचार किया जाएगा। प्राचार्य के अनुसार परिसर में शिक्षक कक्ष में धंसाव बढ़ भी गया है।

हाइवे पर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय गंगरकोट (सुयालबाड़ी) के परिसर में प्रधानाचार्य कक्ष, कक्षा कक्ष, कार्यालय कक्ष समेत तमाम स्थानों पर दरारें गहरा गई है। वर्ष 2010 में हुए मूसलाधार बारिश के बाद आई आपदा के बाद से ही विद्यालय परिसर में दरारें दिखनी शुरु हुए। विद्यालय परिसर के ठिक नीचे हाइवे को भी तब भारी नुकसान पहुंचा था। लगातार बढ़ रही दरारों को देख तत्कालीन प्राचार्य राज सिंह ने उच्चाधिकारियों से संपर्क साध सुरक्षा के उपाय किए जाने को कवायद शुरु की पर प्राचार्य के स्थानांतरण के बाद प्रगति थम सी गई। अब एकबार फिर विद्यालय परिसर में दरारें गहरी होने से खतरा बढ़ गया है‌ विद्यालय में साढ़े चार सौ से ज्यादा नौनिहाल अध्ययनरत हैं जबकि सौ से अधिक शिक्षक व उनके स्वजन विद्यालय परिसर में निवास करते हैं। विद्यालय परिसर में गहरी होती दरारों को देख अब विद्यालय प्रबंधन फिर हरकत में आ गया है। प्राचार्य पीसी उपाध्याय के अनुसार जल्द जिलाधिकारी वंदना सिंह को पत्र भेजकर बढ़ रहे खतरे की जानकारी दी जाएगी। भूगर्भीय सर्वे व सुरक्षा संबंधी कार्य कराए जाने आवश्यक है। प्राचार्य के अनुसार परिसर में स्थित एक शिक्षक कक्ष तक भू-धंसाव की जद में आ चुका है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कुबेर सिंह जीना, प्रकाश जोशी, गोपाल सिंह कनवाल, पंकज नेगी आदि ने भी जल्द विद्यालय व नौनिहालों के हित में ठोस उपाय किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।

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