= जान हथेली पर रख आवाजाही को मजबूर हुए गांवों के लोग
= सड़कों पर गहराती जा रही दरारे
= सुध न लेने पर चढ़ रहा ग्रामीणों का पारा

(((सुनील मेहरा/विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद की रिपोर्ट)))

ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों करोडो़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण तो कर दिया जाता है पर सुध न लेने से ग्रामीण सड़कें बदहाली का दंश झेल रही हैं वहीं दुर्घटना का खतराभी बढ़ गया है।
शिलंगी, डौनी, खगियार समेत तमाम गांवो को जोड़ने वाला मोटर मार्ग लाखों करोड़ों रुपये की लागत से निर्माण किया गया पर विभागीय अनदेखी व समय की मार से मोटर मार्ग जगह-जगह खस्ताहाल हो चुका है। हालात यह है कि मोटर मार्ग के बीचो-बीच दरारें गहरा गई है एक जगह नहीं बल्कि तमाम स्थानों पर गहराती दरारें खतरे की ओर इशारा कर रही है। भूधंसाव बढ़ने से कभी भी बड़ा खतरा सामने आ सकता है। वहीं सड़क के खाई की ओर समाने का खतरा भी दोगुना हो गया है। ग्रामीण जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर है। बावजूद कोई सुध कोई सुध लेवा नहीं है। रात के वक्त खतरा दोगुना बढ़ जा रहा है। गांव के लोगों ने विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। कि गुणवत्ता विभिन्न कार्यों की जांच की मांग भी उठाई है। ग्रामीणों ने जल्द मोटर मार्ग को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द मार्ग में सुधार नहीं किया गया तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।