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प्रचार प्रसार के लिए ताक पर रखे जा रहे नियम
पेड़ों पर बोर्ड व होल्डिंग्स लगाने वालों पर क्षेत्रवासियों ने उठाई कार्रवाई की मांग

गरमपानी : हरियाली के दुश्मन पेड़ों को नुकसान पहुंचाने से नहीं मान रहे। खुद का चेहरा दिखाने की होड़ व प्रचार-प्रसार को हरे भरे पेड़ों पर धड़ल्ले से बड़ी-बड़ी किल से बोर्ड टांगे जा रहे हैं। जिससे भविष्य में पेड़ों के सूखने व नुकसान होने की संभावना बढ़ती ही जा रही है।
एक ओर केंद्र व राज्य सरकार तथा वन विभाग पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण व जल संरक्षण के लिए जागरुकता अभियान चला रहा है। बकायदा लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर विभिन्न प्रजातियों के पौधे भी रोपे जा रहे हैं। रोपित पौधों को संरक्षित करने के लिए बड़े-बड़े दावे भी होते हैं। पर अल्मोडा़ भवाली तथा रानीखेत खैरना मार्ग पर हालात अलग है। दोनों हाईवे किनारे विभिन्न प्रजातियों के विशालकाय पेड़ है। जिससे कई दुर्घटनाएं रुकती हैं। विशालकाय हरे भरे पेड़ होने से पर्यावरण भी स्वच्छ रहता है। हरे भरे पेड़ पर्यटकों के भी आकर्षण का केंद्र रहते हैं पर अब पेड़ प्रचार प्रसार बढ़ाने के लिए निशाने पर आ गए हैं। लोग पेड़ों पर किल के सहारे बोर्ड तथा होल्डिंग्स टांग रहे हैं जिससे पेड़ सूखने का खतरा बना हुआ है वहीं पेड़ों के अस्तित्व पर भी संकट गहराने लगा है। विभिन्न प्रजातियों के हरे भरे पेड़ पर होल्डिंग तथा बोर्ड लगा पेडो़ को नुकसान पहुचाए जाने से लोगो में भी गहरा रोष व्याप्त है। लोगों ने हरे भरे पेड़ों पर कील ठोक बोर्ड तथा होल्डिंग लटकाने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है। चेतावनी दी है कि यदि पेड़ों को नुकसान पहुंचाने के कार्य पर रोक नहीं लगाई गई तो जन आंदोलन शुरु किया जाएगा।