::::::: BIK BREAKING::::::: प्रदेशभर के 3500 दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों का मानदेय लटका
🔳 चाय विकास बोर्ड की नर्सरियों व बागानों में है कार्यरत
🔳 दो महिने से भुगतान न होने श्रमिकों की बिगड़ने लगी आर्थिक स्थिति
🔳 वित्त अधिकारी ने दिया बैंक साफ्टवेयर में तकनीकी खराबी का हवाला
🔳 जल्द लंबित मानदेय भुगतान की जताई उम्मीद
[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]]

उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड की नर्सरियों व बागानों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों का मानदेय लटकने से श्रमिकों की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी है। दो महीने से प्रदेशभर में करीब पैंतीस सौ से भी ज्यादा श्रमिकों को मानदेय का भुगतान नहीं हो सका है। चाय विकास बोर्ड के वित्त अधिकारी अनिल खोलिया के अनुसार बैंक के सोफ्टवेयर में खराबी आने से ट्रेज़री से धनराशि स्थानांतरित नहीं हो पा रही। उम्मीद है जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा।
उत्तराखंड प्रदेश चाय उत्पादन के क्षेत्र में विशेष पहचान बना रहा है। गांवों में नर्सरियां व बागान स्थापित होने से स्थानीय लोगों को गांव में ही रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है पर बागानों व नर्सरियों की रीढ़ कहे जाने वाले दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों को दो माह से मानदेय का इंतजार है। चाय विकास बोर्ड की प्रदेशभर में स्थापित नर्सरियों में करीब पैंतीस सौ से भी ज्यादा दैनिक वेतनभोगी श्रमिक पूरे मनोयोग से कार्य कर रहे। अकेले बेतालघाट ब्लॉक के घूना, सिल्टाना, डोलकोट रातीघाट समेत तमाम गांवों में चाय विकास बोर्ड की नर्सरियां व बागान स्थापित है। धारी, रामगढ़, भीमताल ब्लॉक में स्थापित नर्सरियों व बागानों में भी तेजी से कार्य चल रहा है पर पिछले दो महीने से श्रमिकों को मानदेय भुगतान न हो पाने से श्रमिक परेशान हैं। मानदेय भुगतान में देरी होने से अब श्रमिकों की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ने लगी है। नर्सरियों व बागानों में कार्यरत श्रमिक मानदेय का इंतजार कर अब मायूस होने लगे हैं। श्रमिकों ने जद भुगतान किए जाने की मांग उठाई है। चाय विकास बोर्ड के वित्त अधिकारी अनिल खोलिया खोलिया के अनुसार बैंक स्तर पर दिक्कत आने से भुगतान में देरी हुई है। सोफ्टवेयर में आई दिक्कत दूर होते ही श्रमिकों के खाते में आनलाइन भुगतान कर दिया जाएगा।