🔳 कीमतों में बढ़ोतरी होने से रसोई से हुआ बाहर
🔳विकल्प मिलने पर गृहणियों ने भी बनाई मंहगे लहसुन से दूरी
🔳 रेडीमेड गार्लिक पेस्ट ने फिर बनाई रसाई में जगह
🔳 लहसुन के मंहगा होने से गृहणियां कर रही पेस्ट का इस्तेमाल
🔳तीसरे शतक के नजदीक पहुंचे लहसुन के दाम
[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]

लहसुन के दाम आसमान चढ़ने के बाद अब लोगों की रसोई में लहसुन की जगह बाजार में बिकने वाले लहसुन पेस्ट ( रेडीमेड गार्लिक पेस्ट) ने जगह बना ली है। बाजार में पांच से दस रुपये के पैकेट में बिकने वाले गार्लिक पेस्ट की बिक्री बढ़ गई है। 280 रुपये किलो लहसुन खरीदने के बजाय गृहणियां भी गार्लिक पेस्ट के पैकेट खरीद तड़के में लहसुन की कमी को पूरा कर दे रही है। खैरना बाजार के व्यापारियों के अनुसार ग्राहक दस – दस पैकेट एक साथ खरीद लें जा रहे हैं।
कोसी घाटी स्थित गरमपानी, खैरना, सुयालबाड़ी, बेतालघाट, सिमलखा समेत तमाम बाजारों में लहसुन लोगों की पहुंच से दूर होने लगा है। छह महीने तक किमत काबू में रहने के बाद अब एक बार फिर लहसुन की कीमत 280 रुपये किलो तक जा पहुंची है। आसमान चढ़ती कीमतों के कारण अब क्षेत्र के सब्जी दुकानदार बड़ी मंडियों से लहसुन लाने में कतराने लगे हैं। मंहगे दाम होने से लहसुन की बिक्री प्रभावित हो चुकी है। दामों में बढ़ोतरी होने से अब लोगों ने बाजार में बिकने वाले विभिन्न निजी कंपनियों के रेडीमेड गार्लिक पेस्ट को महंगे लहसुन का विकल्प बना लिया है। अमूमन बाजार में पांच से दस रुपये की कीमत में उपलब्ध गार्लिक पेस्ट को ही लोग लहसुन की जगह इस्तेमाल कर रहे हैं। गृहणियां भी गार्लिक पेस्ट से दाल व सब्जियों में लहसुन की कमी को पूरा कर रही है। कभी कभी बिकने वाले गार्लिक पेस्ट की बिक्री इन दिनों एकाएक बढ़ चुकी है। गार्लिक पेस्ट ने मंहगे लहसुन को रसोई से बाहर का रास्ता दिखा अपनी जगह बना ली है। खैरना के व्यापारी दुर्गा सिंह के अनुसार गार्लिक पेस्ट की खूब बिक्री हो रही है। बकायदा दस दस पैकेट एक साथ बिक रहे हैं। मंहगाई की मार पड़ने से लहसुन की बिक्री ठप हो चुकी है। 280 रुपये प्रति किलो लहसुन खरीदने से गार्लिक पेस्ट बेहद सस्ते दाम में उपलब्ध हो रहा है। स्थानीय व्यापारियों के अनुसार लहसुन के उलट अब हल्द्वानी आदि बाजारों से थोक में गार्लिक पेस्ट ही मंगाया जा रहा है।