🔳 बारिश ने खोल कर रख दी महत्वपूर्ण हाइवे पर गुणवत्ताविहीन कार्य की पोल
🔳 कुछ दिन पहले हुए डामरीकरण की उधड़ गई परत
🔳 अफसर अलाप रहे कार्य दोबारा करवाने का एक ही जाप
🔳 कार्रवाई की हिम्मत न जुटा पाने से खड़े हो रहे गंभीर सवाल
🔳 पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों ने उठाई कार्रवाई की मांग
{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}}

लंबे समय बाद हुई बारिश ने अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर हुए डामरीकरण में गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दी है। कुमाऊं की लाइफ लाइन पर कुछ दिन पहले हुआ डामरीकरण पहली बारिश ही नहीं झेल सका। डामरीकरण की परतें उधड़ने से विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। गुणवत्ताविहीन कार्य सरकार की जीरो टोलरेंस की निती को चुनौती दे रहे हैं तो एनएच के अफसर हमेशा की तरह कार्य दोबारा करवाए जाने का राग अलाप रहे हैं।
महत्त्वपूर्ण हाइवे की हालत में सुधार करने तथा पर्यटकों, व्यापारियों व यात्रियों को सुगम यातायात का लाभ दिलाने के मकसद से केंद्र सरकार ने लगभग 39 करोड़ रुपये के भारी-भरकम बजट को हरी झंड़ी दी है। बजट की स्वीकृति के बाद सुधारीकरण के कार्य भी गतिमान है पर गुणवत्ताविहीन कार्य सरकार की मंशा पर पलीता लगा रहे हैं। हाइवे पर पेंचवर्क कार्यो के जवाब दे जाने के बाद अब महज कुछ दिन पहले लोहाली क्षेत्र में किया गया डामरीकरण भी उखड़ गया है। डामरीकरण उखड़ने से आवाजाही भी खतरनाक हो गई है। महत्वपूर्ण हाइवे पर घटिया डामरीकरण किए जाने से राज्य सरकार की जीरो टालरेंस के दावों को भी चुनौती दी जा रही है। व्यापारी नेता विक्रम सिंह बिष्ट, पंकज नेगी, सुनील मेहरा, कुलदीप सिंह, कुबेर सिंह जीना ने पहली बारिश में ही डामरीकरण के जवाब दे जाने पर नाराजगी जताई है। आरोप लगाया की घटिया कार्य से जनहित प्रभावित हो रहा है बावजूद अनदेखी की जा रही है। लगातार घटिया कार्य सामने आने के बावजूद एनएच के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। हर बार बस कार्य दोबारा करवाए जाने के दावे किए जा रहे पर एक ही बार में गुणवत्तायुक्त कार्य नहीं करवाए जा रहे हैं। व्यापारियों ने एनएच के अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। इधर एनएच के सहायक अभियंता जीके पांडे के अनुसार निरीक्षण किया जाएगा। जहां डामरीकरण उखड़ा है वहां दोबारा कार्य करवाया जाएगा।