🔳 राजस्व व रेगुलर पुलिस को शिकायती पत्र सौंप उठाई कार्रवाई की मांग
🔳 रजिस्टर्ड अनुबंध के बावजूद रोजाना धमकियों देने का दिया हवाला
🔳 गैरमौजूदगी में कर्मचारियों के साथ मारपीट व तोड़फोड़ करने का लगाया आरोप
🔳 रिर्सोट स्वामी के आरोपों को किया सिरे से खारिज
🔳 मामले की निष्पक्ष जांच व कड़ी कानूनी कार्रवाई पर दिया जोर
{{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}}

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर ज्याडी क्षेत्र में स्थित रिर्सोट के मामले में नया मोड़ आ गया है। रिर्सोट स्वामी के मारपीट का आरोप लगाने के बाद अब किराए पर रिर्सोट का संचालन कर रहे व्यवसायी ने भी रिर्सोट स्वामी पर गंभीर आरोप लगा मोर्चा खोल दिया है। संचालक ने रेगुलर व राजस्व पुलिस को शिकायती पत्र सौंप रिर्सोट स्वामी पर कानूनी कार्रवाई की मांग उठाई है। आरोप लगाया है की रिर्सोट स्वामी अनुबंध की शर्तों का उल्लघंन कर आए दिन रिर्सोट में हंगामा खड़ा करने पर आमादा है।
हाइवे पर कोसी नदी किनारे स्थित रिर्सोट का मामला तूल पकड़ गया है‌। बीते दिनों रिर्सोट स्वामी योगेश के संचालक पर जानलेवा हमले का आरोप लगाने के बाद अब रिर्सोट संचालक भरतपुरी, रामनगर निवासी कुलदीप सिंह बिष्ट व मनौरा रेंज नैनीताल निवासी चंदन सिंह लटवाल ने भी रिर्सोट स्वामी, उसके भाई व पिता पर गंभीर आरोप लगाए है। रिर्सोट स्वामी के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए रेगुलर व राजस्व पुलिस को तीनों के खिलाफ शिक़ायती पत्र सौंप कार्रवाई की मांग उठाई है। रिर्सोट संचालक कुलदीप सिंह बिष्ट के अनुसार रिर्सोट स्वामी आए दिन रिर्सोट में आकर कर्मचारियों से मारपीट व अभद्रता करते हैं। छह वर्ष का अनुबंध होने के बावजूद रोजाना रिर्सोट खाली करवाने की धमकी देते हैं। बीते दिनों भी बाहरी लड़कों को लाकर कर्माचारियों के साथ मारपीट कर कई महंगे सामान तोड़ डाले। रजिस्टर्ड अनुबंध होने के बाद आए दिन हंगामा किया जाता है। पूर्व में हुए हंगामें व मारपीट के सभी साक्ष्य मौजूद हैं तथा सूचना भी राजस्व व रेगुलर पुलिस को लिखित में दी गई है। रिर्सोट संचालक ने रिर्सोट स्वामी से कभी भी बड़ी वारदात को अंजाम देने का अंदेशा भी जताया है। तीनों लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग उठाई है। राजस्व उपनिरीक्षक कुंदन लाल के अनुसार शिकायती पत्र मिला है मामले में जांच की जा रही है। रिर्सोट स्वामी व संचालक का पक्ष जानने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। साफ कहा की शांति व्यवस्था भंग नहीं होने दी जाएगी।