🔳 खेतों में फसल को बर्बाद किए जाने से चढ़ा पारा धरतीपुत्रों का पारा
🔳 लगातार आपत्ति के बावजूद मनमानी किए जाने का लगाया आरोप
🔳 दोबारा मवेशियों को छोड़ने पर दी मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी
{{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}}

कोसी घाटी में उपजाऊ खेतों में गौवंशीय पशुओं को छोड़ें जाने से किसानों का पारा चढ़ गया। आक्रोशित किसान मवेशियों को पकड़कर पशुपालकों के घरों में बांध आए। पशुपालकों को खरी खोटी भी सुनाई। दो टूक चेतावनी दी की यदि दोबारा मवेशी छोड़े तो मामले में मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।
कोसी नदी किनारे बेतालघाट ब्लॉक के गैरखाल गांव के किसानों की उपजाऊ खेती है। किसान हाड़तोड़ मेहनत कर सब्जियों व अनाज का उत्पादन करते हैं पर लंबे समय से कोसी नदी पार के गांवों से गौवंशीय पशुओं को खुला छोड़ दिए जाने से किसानों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। मवेशी उपज को बर्बाद कर दे रहे हैं। लगातार आपत्ति के बावजूद कोसी नदी पार के पशुपालक मनमानी पर आमादा है। सोमवार को भी मवेशियों के झुंड खेतों में पहुंचने पर किसानों का पारा चढ़ गया। खेतों में बर्बाद मडवा, धान, सोयाबीन की फसल को देख आक्रोशित किसान मवेशियों को पकड़कर कोसी नदी पार के मल्ला बर्धो गांव पहुंच गए। एक एक कर करीब बीस मवेशियों को पशुपालकों के गौशाला में बांध दिया। पशुपालकों को कड़ी फटकार भी लगाई। कहा की यदि उनके खेतों में मवेशियों को छोड़ फसल को नुकसान पहुंचाया जाए तो कैसा महसूस होगा। कड़ी मेहनत कर खेती-बाड़ी की जा रही है और मवेशी खेती चौपट कर दे रहे हैं। लगातार हो रहे नुकसान के लिए पशुपालकों को जिम्मेदार ठहराया। साफ कहा की यदि दोबारा गोवंशीय पशुओं को खेतों में छोड़ा गया तो फिर पुलिस को तहरीर सौप मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पुष्कर सिंह ने भी रोष जताया। इस दौरान शंकर सिंह जलाल, दिलिप सिंह, महेंद्र सिंह, जगत सिंह, कमलेश सिंह, हरेन्द्र, खीम सिंह, झुंगर सिंह आदि मौजूद रहे।