🔳जान हथेली पर रख आवाजाही को मजबूर हुए ग्रामीण
🔳गांव की खस्ताहाल सड़क बड़ी घटना की ओर कर रही इशारा
🔳कई बार सुधार की उठ चुकी मांग बावजूद नहीं ली जा रही सुध
🔳ग्रामीणों ने लगाया सिस्टम पर अनदेखी का आरोप
{{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}
अफसरों की अनदेखी देखनी हो तो रातीघाट बेतालघाट मोटर मार्ग से डोबा व मझेडा गांव को जोड़ने वाली सड़क को रुख कर लिजिए। सड़क लंबे समय से बदहाली का दंश झेल रही है बावजूद जिम्मेदारों की कुंभकरणीय नींद टूटने का नाम नहीं ले रही। मजबूरी में गांवो के बाशिंदे जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हैं। आवाजाही करने वाले जब तक सुरक्षित घर नहीं पहुंच जाते तब तक परिवार के सदस्य चिंता में ही रहते हैं। सड़क की दुर्दशा के बावजूद सुध न लिए जाने से गांवों के बाशिंदों में गहरा रोष व्याप्त है।
रातीघाट – बेतालघाट मोटर मार्ग से डोबा व मझेडा गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए वर्षों पूर्व सड़क निर्माण किया गया। समय समय पर मरम्मत के नाम पर सरकारी धनराशि भी खर्च की गई बावजूद मोटर मार्ग की हालत बद से बद्तर है। सुरक्षित यातायात के कोई भी उपाय मोटर मार्ग में नहीं है वहीं जगह जगह गड्डे व बरसाती पानी की निकासी को बनाए गए रपटे ध्वस्त होने से बड़ी घटना का अंदेशा बना हुआ है। देश की आजादी में अहम योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के मझेडा तथा समीपवर्ती डोबा गांव के बाशिंदे कई बार मोटर मार्ग को दुरुस्त करने की मांग भी उठा चुके हैं बावजूद सिस्टम अनदेखी पर आमादा है। जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी का खामियाजा दोनों गांवों के सैकड़ों परिवारों को भुगतना पड़ रहा है। बारिश होने के साथ ही जोखिम कई गुना बढ़ जा रहा है। गांवो के बाशिंदे रोजाना बच्चों को गरमपानी व खैरना क्षेत्र में स्थित निजी व सरकारी विद्यालयों में पहुंचाते हैं। मोटर मार्ग की खस्ताहालत से नौनिहालों की जिंदगी पर भी खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने अफसरों पर गांवों की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य भूपेन्द्र सिंह बिष्ट, मनोज कुमार, मनोज सिंह, गोधन सिंह, विपिन, कुन्दन सिंह, राजेन्द्र सिंह, हरीश सिंह, चन्दन सिंह, तारा सिंह, आन सिंह, खीम सिंह, हरीश चंद्र आदि ने मोटर मार्ग को दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। चेताया है की यदि अनदेखी की गई तो फिर तहसील मुख्यालय में धरना शुरु किया जाएगा।