🔳अधिकारियों पर लगाया ग्रामीणों की जिंदगी से खिलवाड़ का आरोप
🔳प्रधान के सड़क पर ही धरना शुरु किए जाने से हड़कंप
🔳रिसाइक्लिंग प्लांट निर्माण से सड़क पर आवाजाही खतरनाक होने का लगाया आरोप
🔳जल्द व्यवस्था में सुधार का भरोसा दिए जाने के बाद ग्राम प्रधान का ग़ुस्सा हुआ शांत
{{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}}
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर स्थित सेनिटोरियम क्षेत्र से बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों को जोड़ने वाले मोटर मार्ग पर कूड़ा रिसाइक्लिंग प्लांट निर्माण से आवाजाही खतरनाक होने से सिरोडी गांव की ग्राम प्रधान का पारा चढ़ गया। गुस्साई ग्राम प्रधान मोटर मार्ग पर ही धरने पर बैठ गई। सूचना पर नगर पालिका के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। व्यवस्था दुरुस्त करने का भरोसा दिए जाने के बाद बामुश्किल ग्राम प्रधान का ग़ुस्सा शांत हुआ। ग्राम प्रधान ने साफ कहा की जल्द व्यवस्था में सुधार न किया गया तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
सोमवार को सिरोडी ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान नीमा बिष्ट रोजाना की तरह सेनिटोरियम – दूनीखाल – रातीघाट मोटर मार्ग से गांव की ओर रवाना हुई। ग्राम प्रधान सेनिटोरियम से कुछ आगे पहुंची ही थी की मोटर मार्ग के नजदीक निर्माणधीन रिसाइक्लिंग प्लांट से सड़क पर फैली चुकी किचड़ में रपट गई। गनीमत रही की ग्राम प्रधान चोटील नहीं हुई और बड़ी घटना टल गई। कई बार मांग उठाए जाने के बावजूद सड़क पर सुरक्षित आवाजाही को ठोस उपाय न किए जाने से ग्राम प्रधान नीमा का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। ग्राम प्रधान सड़क पर ही धरने पर बैठ गई साथ ही रिसाइक्लिंग प्लांट का कार्य भी रुकवा दिया। ग्राम प्रधान के साथ आवाजाही कर रहे स्कूली बच्चों व कुछ गांवों के लोगो ने भी नारेबाजी कर रोष जताया।ग्राम प्रधान के धरने पर बैठने से हड़कंप मच गया। आनन फानन में नगर पालिका भवाली के ईओ व अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे। ग्राम प्रधान को समझाने का प्रयास शुरु किया पर ग्राम प्रधान ने एक न सुनी। आरोप लगाया की लगातार व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई जा चुकी है बावजूद सुध नहीं ली जा रही। आवाजाही खतरनाक होने से सिरोडी, भवाली गांव, दूनीखाल, रातीघाट, घूना समेत तमाम गांवों के बाशिंदों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों के जल्द व्यवस्था में सुधार का आश्वासन दिए जाने के बाद ग्राम प्रधान का ग़ुस्सा शांत हुआ। दो टूक चेतावनी दी की यदि जल्द व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो फिर गांव के लोगों को साथ लेकर आंदोलन शुरु किया जाएगा।