🔳दो महीने ठप रहने के बाद फिर शुरु हुआ बिजली उत्पादन
🔳उत्पादन ठप रहने से यूपीसीएल से गांवों को की जा रही थी आपूर्ति
🔳रामगाढ़ नदी का जलस्तर बढ़ने से पचास किलोवाट उत्पादन से हुई शुरुआत
🔳बिजली उत्पादन से मिलेगी साढ़े चार सौ से भी ज्यादा उपभोक्ताओं को राहत
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर स्थित महत्वाकांक्षी रामगाढ़ जल विद्युत परियोजना से जुड़े उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। बारिश होने से रामगाढ़ नदी का जल स्तर बढ़ने से दो महीने तक ठप पड़ चुकी मशीनें अब एक बार फिर रफ्तार पकड़ गई है। हालांकि अभी पचास किलोवाट के आसपास विद्युत उत्पादन शुरु हो सका है। जल्द ही दूसरी मशीन से भी उत्पाद शुरु होने की उम्मीद है। लंबे समय से उत्पादन प्रभावित होने के बाद अब दोबारा उत्पादन शुरु होने से उपभोक्ताओं ने भी राहत की सांस ली है।
पर्वतीय क्षेत्र में बीते महीनों में भीषण गर्मी से पारा चढ़ने व लगातार जंगलों के धधकने व तापमान बढ़ने से प्राकृतिक जल स्रोत व नदी नाले भी सूखने के कगार पर पहुंच गए। कोसी, शिप्रा व कुंजगढ़ नदी के सूखने व जलस्तर जमीन के नीचे होने से आसपास के गांवों में सिंचाई व पेयजल का संकट भी खड़ा हो गया। जलस्तर घटने से अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर रामगाढ़ नदी पर बनी जल विद्युत परियोजना भी ठप हो गई। बिजली उत्पादन शून्य हो गया है जबकि परियोजना से प्रतिदिन सौ किलोवाट बिजली उत्पादन किया जाता। उत्पादन ठप हो जाने से मजबूरी में बारगल, कफूल्टा, गरजोली, जजूला, बुधलाकोट, फल्याडी, चौरसा समेत सात ग्राम पंचायतों के करीब चालीस से ज्यादा गांवो के साढ़े चार सौ से भी ज्यादा उपभोक्ताओं को यूपीसीएल से बिजली खरीद आपूर्ति की गई। पूर्व में बेहतर उत्पादन होने पर योजना से ग्रामीणों को बिजली आपूर्ति के साथ ही यूपीसीएल को भी बिजली बेची जाती थी पर नदी का जलस्तर घटने से उत्पादन पूर्णतः ठप हो गया। बरसात शुरु होने के साथ ही नदी का जलस्तर बढ़ने से परियोजना की मशीनें अब एक बार फिर हरकत में आ गई है शुरुआत में अभी प्रतिदिन पचास किलोवाट बिजली उत्पादन शुरु कर दिया गया है। परियोजना में आपरेटर का जिम्मा संभाल रहे राजेंद्र सिंह मनराल के अनुसार पचास किलोवाट उत्पादन शुरू होने से राहत मिली है। उम्मीद जताई है की जल्द ही दूसरी मशीन शुरु होने से तय लक्ष्य के अनुसार रोजाना सौ किलोवाट बिजली का उत्पादन तथा सकेगा।