water-problem

= ग्रामीणों का चढ़ा पारा तो हरकत में आया विभाग
= नदी का पानी पीने को मजबूर हो गए थे पचास से ज्यादा परिवार

(((सुनील मेहरा/हरीश कुमार/पंकज नेगी की रिपोर्ट)))

ग्रामीणों का पारा चढ़ने के बाद आखिरकार जल संस्थान ने टूनाकोट गांव की सुध सुध ले ही ली। कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार 15 दिन बाद पेयजल आपूर्ति सुचारू हो गई। आपूर्ति सुचारू होने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे से सटे टूनाकोट गांव में करीब पचास से ज्यादा परिवार बीते 15 दिनों से बूंदबूंद पानी को तरस रहे थे। मजबूरी में ग्रामीणों को कुजगढ़ नदी का पानी छानकर इस्तेमाल करना पड़ रहा था कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई तो ग्रामीण सड़क पर उतर आए। बीते बुधवार को नारेबाजी कर विभाग का पुतला आग के हवाले किया गया। आखिरकार जल संस्थान तक ग्रामीणों की आवाज पहुंच गई। जल संस्थान के कर्मियों ने पेयजल लाइन का जगह-जगह निरीक्षण किया। आखिरकार व्यवस्था में सुधार करने के बाद करीब 15 दिन बाद गांव की आपूर्ति सुचारू कर दी गई। आपूर्ति सुचार होने के बाद ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है। स्थानीय डूंगर सिंह,विक्रम सिंह, भीम सिंह, देवेंद्र सिंह आदि ने जल संस्थान का आभार जताया।