🔳 कभी सब्जी व अनाज उत्पादन के क्षेत्र में थी विशेष पहचान
🔳 वर्तमान में सुनाई दे रही स्टोन क्रशरों की मशीन की गूंज
🔳 कुछ और स्टोन क्रशरों के स्थापित होने की सुगबुगाहट
🔳 शांत गांव को लगी नजर, होने लगा अशांत
🔳 कभी भी गांव के बाशिंदों का सब्र दे सकता है जवाब
🔳स्टोन क्रशर स्थापित किए जाने को प्रतिस्पर्धा बन रही टकराव का बड़ा कारण

(((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लॉक का बढेरी गांव इन दिनों खूब चर्चाओं में है। कभी खेतीबाड़ी के क्षेत्र में खास पहचान रखने वाला यह गांव एक के बाद एक स्टोन क्रशरों के निर्माण के लिए चर्चाओं में आ गया है। पहले से ही दो स्टोन क्रशरों के स्थापित होने के बाद अब कुछ और स्टोन क्रशरों की सुगबुगाहट होने लगी है। शांत समझा जाने वाला छोटा सा गांव अशांत सा होने लगा है।

शहीद बलवंत सिंह बर्धो – बेतालघाट मोटर मार्ग पर स्थित शांत गांव बढेरी की चर्चा इन दिनों जोरों पर है। बढेरी गांव में समीपवर्ती धारी व खैरनी गांव के बाशिंदों की कृषि है‌। कभी बढेरी गांव सब्जी व अनाज उत्पादन के क्षेत्र में विशेष पहचान रखता था पर अब धीरे धीरे खेती का दायरा सिकुड़ गया है। जहां कभी अनाज की फसल लहलहाती थी वहां आज स्टोन क्रशरों की मशीनों की आवाज गूंज रही है। इन दिनों बढेरी गांव में फिर कुछ और स्टोन क्रशर स्थापित होने की सुगबुगाहट से माहौल अंशात होने लगा है। स्टोन क्रशर स्थापित किए जाने को लेकर एकाएक शुरु हुई प्रतिस्पर्धा से गांवों के बाशिंदे भी सख्ते में आ गए हैं। प्रतिस्पर्धा से रंजिश बढ़ने का अंदेशा भी बढ़ता ही जा रहा है जिससे शांत समझे जाने वाले गांव का माहौल बिगड़ने का अंदेशा भी बना हुआ है। स्टोन क्रेशर निर्माण को लेकर शुरु हुई प्रतिस्पर्धा का खामियाजा गांव के बाशिंदों को भुगतना पड़ रहा है। स्टोन क्रशर निर्माण को प्रतिस्पर्धा टकराव का बड़ा कारण भी बनती जा रही है। यही हालत रहे तो वह दिन भी दूर नहीं जब गांव के बाशिंदों का सब्र जवाब दे जाए।