🔳हाइवे से सटे ज्याडी़ गांव में दस हजार रुपये खर्च कर मंगवाया गया पानी
🔳गांव में शादी समारोह में पेयजल संकट बड़ी परेशानी
🔳प्राकृतिक जल स्रोत से पिकअप वाहन के जरिया गांव तक पहुंचाना गया पानी
🔳जल संस्थान के अधिकारियों ने नहीं उठाया ग्रामीणों का फोन
🔳विभागीय लापरवाही से गांव के बाशिंदों में नाराजगी
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

गांवों में पेयजल संकट से हालात बिगड़ते जा रहे हैं बावजूद जल संस्थान के अफसर व्यवस्था दुरुस्त करने को ठोस उपाय करते नहीं दिख रहे। गांवों के लोग बूंद-बूंद पानी को मोहताज हो चुके है‌। हाइवे से सटे ज्याडी़ गांव में हालात इतने विकट हो चुके हैं की शादी समारोह में वाहन के जरिए पानी पहुंचाया जा सका। करीब दस हजार रुपये खर्च होने के बाद शादि समारोह में गांव पहुंचे लोगों को पानी नसीब हो सका।
गांवो में बूंद बूंद पानी को हाहाकार मच गया है। नलों से पानी की बूंद तक नहीं टपक रही। शहरो से छुट्टियां बिताने गांवों में पहुंचे लोग भी दूरदराज के प्राकृतिक जल स्रोतो से पानी ढोने को मजबूर हो चुके हैं वहीं शादि समारोह, धार्मिक अनुष्ठान व अन्य आयोजनों में पहले पानी को लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है। पानी के बगैर परेशानी न हो इसके लिए बकायदा अलग से बजट भी रख लिया जा रहा है‌‌। हाइवे से सटे ताड़ीखेत ब्लॉक के ज्याडी़ गांव में हालात बिगड़ चुके हैं।बीते रोज गांव में विवाह समारोह होने पर दस हजार रुपये खर्च करने के बाद बामुश्किल पिकअप वाहन के जरिए पानी गांव तक पहुंचा जा सका।

व्यापारी नेता पंकज नेगी के अनुसार परिवार में शादी समारोह होने पर पानी की आपूर्ति के लिए जल संस्थान के अधिकारियों से संपर्क साधा गया पर विभागीय अधिकारियों ने फोन तक उठाना उचित नहीं समझा। मजबूरी में दस हजार रुपये में वाहन की बुकिंग कर सुदूर प्राकृतिक जल स्रोत से टंकियां में पानी भरकर गांव तक पहुंचाया जा सका तब जाकर बामुश्किल अन्य कार्यक्रम आगे बढ़ सके। गांव में लगातार पेयजल संकट गहराने से गांव के बाशिंदों में भी गहरी नाराजगी है। कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद सुध ना लिए जाने से लोगों में गहरा रोष भी व्याप्त है।ग्रामीणों ने जल्द व्यवस्था में सुधार न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।